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Published 17:20 IST, December 15th 2024

Delhi News: आतिशी ने केंद्र पर लगाया दिल्ली में रोहिंग्या को बचाने का आरोप, BJP का पलटवार

आतिशी ने अमित शाह को पत्र लिखकर BJP नीत केंद्र सरकार पर शहर के विभिन्न हिस्सों में ‘‘बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्या’’ को बसाने का आरोप लगाया।

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Amit Shah-Atishi
Amit Shah-Atishi | Image: Facebook

Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रविवार को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर शहर के विभिन्न हिस्सों में ‘‘बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्या’’ को बसाने का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर उनके ट्वीट को लेकर निशाना साधते हुए दावा किया है कि इन शरणार्थियों को यहां बसाना भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का एक ‘‘सोचा-समझा फैसला’’ है। इसके जवाब में मंत्री ने ‘आप’ पर ‘‘भटकाव, झूठे विमर्श और आधा अधूरा सच बताने की राजनीति’’ करने का आरोप लगाया।

फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ ‘आप’ और भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के मुद्दे पर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। भाजपा निर्वाचन आयोग से पहले ही शिकायत कर चुकी है कि ‘‘आप के इशारे पर’’ दिल्ली में अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को मतदाता के रूप में पंजीकृत किया गया है। आतिशी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के 2022 में किए गए दो ट्वीट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के लोगों और सरकार को अंधेरे में रखकर बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बसाया है। उन्होंने शाह को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यह पिछले कई साल से जारी है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने 17 अगस्त, 2022 को दो ट्वीट किए थे जिनसे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि इन शरणार्थियों को दिल्ली में बसाना भाजपा सरकार का ‘सोचा-समझा निर्णय और नीति’ है।’’

आतिशी ने कहा, ‘‘पुरी के पोस्ट से ऐसा लगता है कि उन्हें बक्करवाला के कई ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) फ्लैट में बसाया गया था। ये फ्लैट दिल्ली के गरीब लोगों के लिए थे। ऐसा लगता है कि दिल्ली के लोगों के अधिकार और सुविधाएं प्रवासियों को दी जा रही हैं।’’ पुरी ने पलटवार करते हुए रविवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आम आदमी पार्टी ध्यान भटकाने, झूठे विमर्श और आधा अधूरा सच बताने की अपनी राजनीति कर रही है। अवैध रोहिंग्या प्रवासियों के बारे में तथ्य और वास्तविक स्थिति को उसी दिन एक ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट कर दिया गया था, जिसे उन्होंने चुनिंदा रूप से नजरअंदाज किया और वे लगातार ऐसा कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी रोहिंग्या प्रवासी को दिल्ली में सरकारी घर नहीं दिया गया है। आप के झूठे दावों के विपरीत, वास्तव में वे (आप) ही दिल्ली में अवैध रोहिंग्याओं को शरण देते हैं, उन्होंने ही बड़ी संख्या में उन्हें बसाया है, वे ही उन्हें बिजली एवं पानी देते हैं और यहां तक ​​कि उन्हें 10,000 रुपये भी देते हैं।’’ आतिशी ने दावा किया कि ये प्रवासी न केवल दिल्लीवासियों के लिए कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करेंगे, बल्कि ‘‘उनकी नौकरियां भी छीन लेंगे’’ और शहर के सीमित संसाधनों पर भी बोझ डालेंगे। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि हजारों रोहिंग्या प्रवासी बिना किसी बाधा के हर दिन भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर रहे हैं।

उन्होंने शाह से पूछा, ‘‘इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार हमारी सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है। अगर यही स्थिति जारी रही, तो क्या हमारा देश इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों को संभालने की स्थिति में है? इसका जवाब है, नहीं। फिर भाजपा सरकार इस अवैध प्रवास को रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही?’’ दिल्ली की मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद प्रवासी हजारों किलोमीटर दूर दिल्ली कैसे पहुंच गए? उन्होंने कहा, ‘‘क्या इन अवैध प्रवासियों को भाजपा सरकार ने भारत के लोगों को अंधेरे में रखकर व्यवस्थित तरीके से देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा है? आपने कितने रोहिंग्याओं को दिल्ली पहुंचाया और बसाया?’’

आतिशी ने कहा कि यह ‘‘सबसे चौंकाने वाला’’ है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इन रोहिंग्याओं को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में ‘‘बसाया’’ जबकि ‘‘पार्टी द्वारा नियुक्त’’ उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को रोहिंग्याओं की पहचान करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने शाह से दिल्ली में बसे रोहिंग्याओं की पूरी सूची उपलब्ध कराने की मांग की और इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में लोगों और दिल्ली सरकार से परामर्श किए बिना किसी भी अवैध शरणार्थी को शहर में नहीं बसाया जाना चाहिए। दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए दो महीने का विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश पिछले हफ्ते दिया था।

Updated 17:20 IST, December 15th 2024