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पब्लिश्ड 15:35 IST, January 11th 2025

Delhi Election: 'अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचारी घोषित', शराब घोटाले के CAG रिपोर्ट को लेकर BJP ने केजरीवाल पर बोला हमला

बीजेपी दावा कर रही है कि CAG रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने हैं जो केजरीवाल की भ्रष्ट पार्टी AAP की सच्चाई बताने के लिए काफी है।

Reported by: Rupam Kumari
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Manoj Tiwari
Manoj Tiwari | Image: PTI

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में एक बार फिर शराब घोटाला का मुद्दा गरमाया है। भारत के आबकारी नीति नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट का हवाला देकर बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी(AAP) को घेरा है। बीजेपी दावा कर रही है कि शराब घाटाले से दिल्ली को करीब 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है और CAG की रिपोर्ट आने के बाद अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचारी घोषित हो गए हैं। CAG रिपोर्ट को लेकर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने AAP पर हमला बोला है।

बीजेपी दावा कर रही है कि CAG रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने हैं जो केजरीवाल की भ्रष्ट पार्टी AAP की सच्चाई बताने के लिए काफी है। CAG रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीजेपी ने दावा किया है कि शराब घोटाले से सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इससे AAP नेताओं को रिश्वत भी मिली है।

AAP के भ्रष्टाचार की कहानी CAG ने बता दी-मनोज तिवारी

AAP पर हमला करते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, दिल्ली की खुशियों को हटाकर दलाल की भूमिका निभाने वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की सारी भ्रष्टाचार की कहानी CAG ने बता दी है। ये वही CAG रिपोर्ट है जिसे कभी 2013 में अरविंद केजरीवाल लहराकर शीला दीक्षित के खिलाफ लड़ते थे और आज उसी CAG रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचारी घोषित कर दिया है।

CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

CAG रिपोर्ट में शराब नीति से हुए नुकसान का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। बता दें कि यह पहला मौका है जब शराब घोटाले से नुकसान का आंकड़ा सामने आया है। बीजेपी का कहना है कि पॉलिसी लागू करने में चूक हुई है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि शराब नीति को बनाते वक्त एक्सपर्ट की राय को दरकिनार किया गया था। एक्सपर्ट के पैनल की सलाह ली तो गई, लेकिन उनकी सिफारिशों को नहीं माना। शराब कंपनियों को लाइसेंस जारी करते वक्त भी गड़बड़ी के आरोप हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले से घाटे में चल रही और ब्लैकलिस्ट कंपनियों को लाइसेंस जारी किए गए थे। शराब नीति के बनाने और लागू करने में भी पारदर्शिता की कमी थी।

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अपडेटेड 15:35 IST, January 11th 2025