Published 16:26 IST, October 18th 2024
EXCLUSIVE/ 'बटेंगे तो कटेंगे', योगी का मैसेज हरियाणा में हिट हो गया, विपक्ष क्या करेगा? अनुराग भदौरिया का जवाब
अनुराग भदौरिया ने कहा, 'जाति जनगणना बांटने का काम नहीं है, हमने PDA का नारा इसलिए दिया है कि समाज में दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय दिला सकें।'
SP Leader Anurag Bhadauria in Rashtra Sarvopari Sammelan 2024: देश के सबसे बड़े न्यूज इवेंट रिपब्लिक भारत के 'राष्ट्र सर्वोपरि सम्मेलन' में समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने हरियाणा चुनाव में बीजेपी के 'बंटोगे तो कटोगे' मैसेज को लेकर क्या जवाब दिया। आइए आपको बताते हैं रिपब्लिक के मंच पर अनुराग भदौरिया ने 'बंटोगे तो कटोगे' नारे पर जवाब देते हुए कहा, 'इसका मतलब आप चाहते हैं कि देश में धर्म के नाम पर राजनीति हो और सत्ता मिल जाए। देखिए महज सत्ता पाने के लिए आप लोगों को आपस में बांट देना चाहते हैं।'
अनुराग भदौरिया ने आगे कहा,'आपने कहा कि देखो 'बटेंगे तो कटेंगे' बयान के बाद वो हरियाणा में जीत गए, इसका मतलब सत्ता हमारे लिए इतनी प्यारी हो गई कि हम हिन्दुस्तान को भूल गए। मैं पूछता हूं कि हिन्दुस्तान सबसे बड़ा है या सत्ता सबसे बड़ी है? हिन्दुस्तान होगा तो सत्ता भी होगी, हम आप होंगे तो सत्ता का मतलब भी होगा, लेकिन केवल सत्ता पानी है और किसी भी कीमत पर पानी है ये तो ठीक नहीं है न समाज के लिए।'
BJP का आरोप PDA के जरिए आप भी तो यही कर रहे हैं
वहीं जब अनुराग भदौरिया से ये सवाल पूछा गया कि बीजेपी तो कहती है कि आप भी तो पीडीए के जरिए यही कर रहे हैं। आप भी समाज को जातियों में बांटने का काम ही कर रहे हैं? इस सवाल के जवाब में अनुराग भदौरिया ने कहा, 'जाति जनगणना बांटने का काम नहीं है, हमने पीडीए का नारा इसलिए दिया है कि समाज में दलित और पिछड़े वर्ग के लोग जो पीछे छूट गए हैं उनको कैसे न्याय मिले? उन्हें हम समाज की मुख्यधारा में कैसे शामिल करें? कैसे वो हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें इसके लिए है।'
PDA में अगड़े कहां? इस सवाल पर झल्लाए अनुराग भदौरिया
वहीं जब अनुराग भदौरिया से पूछा गया कि आप पीडिए के जरिए नहीं बांट रहे हैं आप पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक पर बात कर रहे हैं इसमें अगड़े कहां हैं? इस सवाल के जवाब में अनुराग भदौरिया कन्नी काटते हुए दिखाई दिए और कोई जवाब नहीं पाए बल्कि विकास की राजनीति, महंगाई, बेरोजगारी और महिला समस्या को लेकर सरकार पर सवाल उठाने लगे इस बीच जब राष्ट्रवादी विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ से पूछा गया कि 'बटेंगे तो कटेंगे' क्या मैसेज देता है और ये क्यों जरूरी है? इस सवाल के जवाब में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बताया,'ये एक अच्छा मैसेज है लेकिन देर से दिया गया है ये मैसेज पहले से देना चाहिए था।'
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बताया 'बटेंगे तो कटेंगे' कैसा संदेश
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने आगे कहा, 'इस देश में सच बोलने वालों को लोग हेड मोंगर कहने लगे हैं और झूठ बोलने वाले लोग इंटेलैक्चुअल कहलाने लगे हैं। 1947 में योगी जी नहीं थे तब 10 लाख सनातनी हिन्दुओं की गरदन काट के देश भी बंटा और सत्ता भी बनी और एक पार्टी ने देश देश भी लिया। तो सवाल ये है कि बंटने की बात जब कही जाती है तो उन लोगों के दिमाग में आता है कि ये कुछ खास लोगों से कहा जा रहा है। देश के तमाम लोगों से कहा जा रहा है बंटने के लिए आपके जेहन में ये खयाल क्यों आने लगता है कि ये सिर्फ हिन्दुओं के लिए कहा जा रहा है ये तो आपकी सोच है। इसलिए इस बयान को भारतीय राजनीति में जगह दी गई है क्योंकि इसी के कारण देश बंटा, इसी के कारण कश्मीर हुआ, इसी के कारण केरला हुआ, दिल्ली हुआ देश का कोई ऐसा कोना नहीं बचा जहां सांप्रदायिकता चरम पर हो और लोगों को काटकर के चिल्लाकर के.... नूपुर शर्मा इसकी जीती जागती मिसाल हैं।'
नूपुर शर्मा का जिक्र कर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कही बड़ी बात
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने आगे कहा,'कोई एक बेटी सच बोले तो एक महजब के लोग चौराहे-चौराहे पर निकलकर खड़े होंगे और कहेंगे कि सर तन से जुदा हो जाएगा। उनके सिलसिले में लोग अपना सेक्युलिरिज्म लेकर नहीं आते हैं। उनके बारे में लोग ये सवाल नहीं पूछते हैं कि भाई ये क्या तरीका है? अगर किसी ने कोई बात कही तो आप उसे इंटेलेक्चुली उसे काउंटर करें। आप तलवार के जोर पर किसी कन्हैया की गरदन काट देंगे और इस देश के 80 से 90 करोड़ लोगों को डराने की कोशिश करेंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'भारत बदला है और 'बटेंगे तो कटेंगे' ये मैंने पहले भी कहा कि ये बयान काफी देर से आया है। ये बयान काफी अच्छा बयान है और ऐसे बयान आते रहने चाहिए।'
Updated 16:26 IST, October 18th 2024