पब्लिश्ड 17:48 IST, January 18th 2025
'15 मिनट पुलिस हटा दो तो', ओवैसी के बयान पर राजा भैया ने जताई सहमति, कहा- आधे हिंदू झटके में खत्म हो जाएंगे, हम न तो वंश...
AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के '15 मिनट पुलिस हटा दो तो...' वाले बयान पर राजा भैया ने सहमती जताते हुए कहा कि आधे हिंदू झटके में खत्म हो जाएंगे।
AIMIM के नेता और असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी का वो बयान अक्सर चर्चा में रहता है, जिसमें उन्होंने 15 मिनट के लिए पुलिस हटाने की बात कही थी। अकबरुद्दीन के इस बयान पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान बीते दिन राजा भैया ने अकबरुद्दीन ओवैसी के बयान पर कहा कि वो सही ही तो कह रहे हैं कि पुलिस हटा देंगे तो आधे हिंदू साफ हो जाएंगे।
राजा भैया ने कार्यक्रम में कहा, "अगर हम हैदराबाद के नेता के बयान पर गंभीरता से सोचें तो काफी हद तक उसकी बात सही है। अगर ऐसा हो जाता है तो करीब आधा हिंदू एक झटके में साफ हो जाएगा। आखिर हमारे पास है क्या? हम न तो वंश वृद्धि कर रहे हैं। न ही हम शस्त्र संचय कर रहे हैं।" बता दें, AIMIM नेता ने कहा कि पुलिस हटा दो 15 मिनट में पता चल जाएगा। तुम (हिंदू) 100 करोड़ हो, हम (मुस्लिम) 25 करोड़ हैं। देखते हैं कौन भारी पड़ता है।
कुंडा विधायक ने क्यों किया अकबरूुद्दीन के बयान का समर्थन?
दरअसल, AIMIM नेता के इस बयान पर कुंडा विधायक ने सहमति इसलिए जताई क्योंकि उनके अनुसार आज के वक्त में हिंदू ना तो वंश वृद्धि कर रहे हैं और ना ही शस्त्र संग्रह। तभी तो उन्होंने कहा, "यह बात सत्य है कि शास्त्रों से रक्षा नहीं हो सकती। संस्कृतियों की रक्षा के लिए शस्त्र जरूरी हैं। तक्षशिला खत्म नहीं होता। एक लुटेरे ने नालंदा को आग के हवाले कर दिया। महीनों तक वहां पुस्तकें जलती रहीं। हमारे प्रभु ने जब-जब अवतार लिया तो उन्होंने अस्त्र धारण किए।"
शास्त्र ये नहीं कहते कि शस्त्र छोड़ दें: राजा भैया
उन्होंने कहा कि भगवान राम को जब वनवास हुआ तो वह सब कुछ छोड़ गए, लेकिन अपने अस्त्र साथ लेकर गए। हम मां की उपासना करते हैं तो वह भी शस्त्र सज्जित रहते हैं। हनुमान जी के हाथ से गदा नहीं छूटी और शिवजी के हाथ में त्रिशूल हमेशा रहता है। शास्त्र यह कहते हैं कि कब किसका प्रयोग करें, लेकिन वे यह नहीं कहते कि शस्त्र छोड़ दें।' लेकिन सोचने की बात है कि हिंदू कर क्या रहे हैं। वे ना वंश बढ़ा रहे हैं और ना शस्त्र उनके पास हैं।
भारत में शरण लेने के लिए धर्म बदलने की शर्त थी: राजा भैया
राजा भैया ने कहा, "मूर्ति विसर्जन पर भी हमले होते हैं। हमने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा। भारत में किसी ने भी शरण मांगी तो उसे मिली। हमारी यह शर्त तो नहीं थी कि धर्म बदल लो, तभी ऐसा होगा। भारत में मुसलमान, यहूदी और तिब्बती सभी को जगह दी गई। किसी भी भारतीय को इस पर आपत्ति नहीं थी। लेकिन समस्या तब शुरू होती है, जब आप कहें कि जो मेरा ईश्वर है, उसी को मानना होगा। ऐसा नहीं करोगे तो मारे जाओगे, हमले होंगे और आतंकी धमाके होंगे। यह हमले चाहे काशी, प्रयाग, अक्षरधाम में हों या फिर भारत की संसद में हों।"
उन्होंने ये भी कहा कि यह हर कोई मानेगा कि जितनी ज्यादा लूट, बलात्कार और हत्या हिंदुओं के साथ धर्म के नाम पर हुई है, उतनी किसी और के साथ नहीं हुई है। हमने शस्त्र छोड़े और जातियों में कूटनीति के नाम पर बांट दिए गए।
इसके अलावा पुराने समय में महाकुंभ के महत्व को बताते हुए राजा भैया ने कहा, "यह बात सही है कि सनातन से पहले कुछ नहीं था। जो भी धर्म और पंथ आए, वह सनातन के बाद आए थे। सनातन की ऐसा धर्म है कि इसमें देवताओं ने अवतार लिए। कुंभ में सनातन के ध्वजवाहक आते हैं। अब राजतंत्र नहीं है, लेकिन जब ऐसी व्यवस्था थी तो सभी राजाओं के मातहत आते थे। यहां वे अपनी समस्याओं के बारे में बात करते थे और संतों से मार्गदर्शन लेकर अपने राज्यों में कल्याणकारी योजनाएं लाते थे। यही कुंभ का असली अमृत हुआ करता था।"
इस दौरान उन्होंने महाराज शिवाजी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में बहुत लोग अपने साम्राज्य को बचाने और स्थापित करने के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन महाराज शिवाजी ऐसे थे, जिन्होंने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की। उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है।
अपडेटेड 17:51 IST, January 18th 2025