Published 09:24 IST, December 6th 2024
खड़गे के हाथ में PM मोदी का हाथ और जगदीप धनखड़ का साथ, अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते वक्त अद्भुत नजारा
संसद भवन लॉन में पीएम नरेंद्र मोदी और मल्लिकार्जुन खड़गे आपस में बात करते हुए नजर आए। दोनों नेताओं के बीच हंसी मजाक होते देखा गया।
PM Narendra Modi-Mallikarjun Kharge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का आमना-सामना जब हुआ तो दोनों नेताओं के बीच हंसी मजाक होते देखा गया। मौका संसद भवन लॉन में 69वें महापरिनिर्वाण दिवस के कार्यक्रम का था, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता बाबा भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने गए। इसी बीच पीएम मोदी और मल्लिकार्जुन खड़गे आपस में बात करते हुए नजर आए। वहां पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला भी खड़े हुए थे।
69वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बाबा भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बातचीत हुई। पीएम मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का एक हाथ पकड़ रखा था। मल्लिकार्जुन खड़गे कुछ कह रहे थे, जिसे सुनकर पीएम मोदी हंसने लगे। वहां पीएम मोदी और खड़गे के नजदीक खड़े रामनाथ कोविंद और ओम बिरला भी मुस्करा दिए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पीएम मोदी के पीछे खड़े थे, उनके चेहरे पर भी हल्की सी मुस्कराहट देखी गई।
पीएम मोदी ने बाबासाहेब को नमन किया
पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद भवन लॉन में बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके पहले उन्होंने 'X' पर पोस्ट में लिखा- 'महापरिनिर्वाण दिवस पर हम संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक बाबासाहेब अंबेडकर को नमन करते हैं। समानता और मानवीय गरिमा के लिए अंबेडकर का अथक संघर्ष पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। आज जब हम उनके योगदान को याद करते हैं तो हम उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं। इस साल की शुरुआत में मुंबई में चैत्य भूमि की अपनी यात्रा की एक तस्वीर भी साझा कर रहा हूं। जय भीम!'
खड़गे ने बाबासाहेब के प्रति आभार व्यक्त किया
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी 'महापरिनिर्वाण दिवस' पर डॉ. बीआर अंबेडकर के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि बाबासाहेब ने अपना पूरा जीवन स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- 'बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर हम संविधान और सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। बाबासाहेब ने अपना पूरा जीवन स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। उनके आदर्शों और विचारों की रक्षा, संरक्षण और सुरक्षा करना समय की सबसे बड़ी जरूरत है, साथ ही राष्ट्र के लिए उनके बेहतरीन योगदान- भारत के संविधान की रक्षा करना भी समय की मांग है।'
क्यों मनाया जाता है महापरिनिर्वाण दिवस?
भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से जाना जाता है, की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 6 दिसंबर को हर साल महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है। वो भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता थे। 14 अप्रैल 1891 को जन्मे बाबासाहेब अंबेडकर एक भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने दलितों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिला विज्ञापन कर्मियों के अधिकारों का समर्थन किया।
एक सम्मानित नेता, विचारक और सुधारक बाबासाहेब ने अपना जीवन समानता की वकालत करने और जाति-आधारित भेदभाव को मिटाने के लिए समर्पित कर दिया। बीआर अंबेडकर की परिवर्तनकारी विरासत को श्रद्धांजलि के रूप में महापरिनिर्वाण दिवस का गहरा महत्व है। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार, भगवान बुद्ध की मृत्यु को महापरिनिर्वाण माना जाता है, जो संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है 'मृत्यु के बाद निर्वाण'। परिनिर्वाण को समारा, कर्म और मृत्यु और जन्म के चक्र से मुक्ति माना जाता है। ये बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिन है।
वो स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सात सदस्यों में से एक थे। 1990 में अंबेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बाबा साहब अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनके घर पर हुआ था।
Updated 11:01 IST, December 7th 2024