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Published 15:47 IST, April 10th 2024

'महाराष्ट्र में कांग्रेस के कई नेता का फोन बंद', संजय निरुपम का दावा- चुनाव के बाद भाग जाएंगे विदेश

Maharashtra News: महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं को लेकर संजय निरुपम ने बड़ा बयान दिया है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kunal Verma
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Maharashtra News: महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं को लेकर संजय निरुपम ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के कई नेता का फोन बंद हैं। आज जिस तरह से कांग्रेस को उद्धव ठकारे ने सीट दिया है उससे साफ होता है कि 2024 चुनाव में कांग्रेस जीरो हो जाएगा।

संजय निरुपम ने कहा कि जो कांग्रेस के नेता हैं, वो विदेश भाग जाएंगे। इस बार कांग्रेस का जमानत जब्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि PM मोदी ने जिस तरह से काम किया है, जिस तरह विकास किया, PM की लोकप्रियता है, PM मोदी के सामने कोई है नहीं। अबकी बार 400 पार हो सकता है।

'कांग्रेस नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार'

इससे पहले कांग्रेस से निष्कासित किये जाने के एक दिन बाद पूर्व सांसद संजय निरुपम ने बृहस्पतिवार को पार्टी पर निशाना साधा और दावा किया कि पार्टी नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार है।

मुंबई में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए निरुपम ने यह भी कहा कि कांग्रेस इतिहास बन चुकी है और उसका कोई भविष्य नहीं है। निरुपम ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) तीन 'बीमार इकाईयों' का एक विलय है।

विपक्षी एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार (राकांपा-एसपी) शामिल है। निरुपम ने आरोप लगाया, ''कांग्रेस नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार है।''

कांग्रेस की मुंबई इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि जो लोग अपने राजनीतिक मृत्युलेख लिखना चाहते हैं उन्हें चार जून के बाद अपनी जमीन खिसकती हुई महसूस होगी। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए मतगणना चार जून को होगी।

अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार देर रात को निरुपम के निष्कासन को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी थी। निरुपम को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने जनता के बीच जो कहा, वह कांग्रेस के खिलाफ नहीं था बल्कि वह पार्टी से शिवसेना-यूबीटी के सामने आत्मसमर्पण नहीं करने को कह रहे थे।

उन्होंने कहा, ''धर्मनिरपेक्षता का मतलब अपने धर्म की अवहेलना करना नहीं है।'' निरुपम ने दावा किया, ''नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता, जो धर्म का विरोध करती थी और वामपंथियों के प्रभाव में थी, समाप्त हो चुकी है।''

(इनपुटः PTI भाषा के साथ रिपब्लिक भारत)

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Updated 17:27 IST, April 10th 2024