पब्लिश्ड 12:49 IST, December 17th 2024
'संविधान भी हमें कमल...' राज्यसभा में गरजे जेपी नड्डा, इमरजेंसी का जिक्र कर कांग्रेस को दिखाया आईना
संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर संविधान की भावना को बदलने का आरोप लगाया।
Parliament Winter Session 2024: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मंगलवार, 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भारतीय संविधान की महत्ता पर अपनी बात रखी। साथ ही कांग्रेस पर संविधान के अपमान का आरोप लगाते हुए देश में लगे इमरजेंसी का याद दिलाया। इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ।
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "ये जो त्योहार हम मनाते हैं, ये एक प्रकार से संविधान के प्रति हमारे समर्पण को, संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है। मुझे विश्वास है कि हम इस अवसर का सदुपयोग राष्ट्रीय लक्ष्य की पूर्ति में करेंगे। हम सभी जानते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है।
हमारे संविधान निर्माता यह जानते थे कि यह कोई राष्ट्र निर्माण नहीं है, यह तो हमेशा से ही एक राष्ट्र था। वेदों की अगर बात करें तो ऋगवेद, अर्थववेद, पुराने ग्रंथों में सभा, समिति, संसद शब्दों का प्रयोग हुआ है। ये इस बात को बताता है कि हमारे यहां चर्चा हमारी संस्कृति में विराजमान रहे हैं। चर्चा से संविधान को मजबूती मिलती है।
हमारा संविधान भी हमें कमल से प्रेरणा देता है-नड्डा
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "जब हम संस्कृति की बात करते हैं तो कई लोगों को लगता है कि हम प्रगतिशील नहीं हैं। मैं उनका ध्यान दिलाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति पर अजंता और एलोरा की गुफाओं की छाप भी थी। इस पर हमें कमल की छाप भी दिखाई देती है। कमल इस बात को दर्शाता है कि कीचड़ और दलदल से निकलकर आज़ादी की लड़ाई के बाद हम एक नई सुबह के साथ नए संविधान के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं इसीलिए हमारा संविधान भी हमें कमल से प्रेरणा देता है कि तमाम परेशानियों के बावजूद भी हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
राज्यसभा में कांग्रेस पर बरसे जेपी नड्डा
भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर राज्यसभा में हो रही चर्चा के दूसरे दिन बहस को आगे बढ़ाते हुए नड्डा ने कांग्रेस पर संविधान की भावना को बदलने और उसे पुन: लिखने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रमुख विपक्षी पार्टी से भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर इस साल 25 जून को आयोजित होने वाले ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम में प्रायश्चित स्वरूप शामिल होने का आह्वान किया।
कांग्रेस की सरकारों द्वारा किए गए विभिन्न संविधान संशोधनों का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि क्या देश को कोई खतरा था कि देश पर आपातकाल थोपा गया। देश को खतरा नहीं था, कुर्सी को खतरा था। किस्सा कुर्सी का था, जिसके लिए पूरे देश को अंधकार में डाल दिया गया। आपातकाल के दौरान प्रजातंत्र का गला घोंटने का प्रयास हुआ।
अपडेटेड 12:49 IST, December 17th 2024