Published 12:34 IST, June 25th 2024
NEET धांधली मामले में महाराष्ट्र में एक्शन, चार के खिलाफ FIR; दो की हुई गिरफ्तारी
NEET Scam: नीट में हुई धांधली के मामले में महाराष्ट्र में भी ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। 4 लोगों के खिलाफ दर्ज FIR के बीच दो को अरेस्ट किया गया है।
नीट में हुई धांधली के मामले में महाराष्ट्र की लातूर पुलिस ने एक्शन लिया है। नीट पेपर लीक मामले में 4 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई, इनमें से दो लोंगों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों व्यक्ति जलील खान उमर खान पठान के निर्देश पर काम करते थे।
लातूर पुलिस ने संजय जाधव को 24 जून की शाम को हिरासत में लिया था और अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। संजय जाधव को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। जिन 4 लोगों के खिलाफ FIR हुआ है उनमे से 2 को गिरफ्तार कर लिया है, और 2 फरार हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नीट एग्जाम में बच्चों के नंबर बढ़ाने के लिए आरोपी उनसे पैसे लेते थे। बच्चों के नंबर कैसे बढ़ाए जा सकते हैं और यह लोग कैसे ऑपरेट करते थे लातूर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम इस पर जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार दोनों शिक्षक एक प्राइवेट कोचिंग सेंटर भी चलाते हैं।
संजय तुकाराम जाधव और जलील खान उमर खान पठान (दोनों लातूर के शिक्षक), नांदेड़ के इरन्ना मशनाजी कोंगलवाव और दिल्ली निवासी गंगाधर के खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। लातूर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा, “एटीएस अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति पैसे के बदले नीट अभ्यर्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए एक गिरोह चला रहे हैं।” इसके बाद एटीएस ने शनिवार रात पूछताछ के लिए जाधव और पठान को लातूर से हिरासत में लिया।
मोबाइल फोन से मिली संदिग्ध जानकारी
पुलिस के अनुसार हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति के मोबाइल में NEET-UG 2024 से संबंधित संदिग्ध जानकारी मिली। एक अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में आरोपियों में से एक कोंगलवार द्वारा दिल्ली निवासी गंगाधर के साथ किए गए रुपये का लेनदेन सामने आया है। प्रथम दृष्टया कोंगलवार एक मध्यस्थ के रूप में काम करता था जो पठान और जाधव से नीट अभ्यर्थियों के प्रवेश-पत्र एकत्र करता था। अधिकारी ने कहा, "प्रवेश-पत्र एकत्र होने के बाद गंगाधर को 50,000 रुपये का पहले ही भुगतान किया जाता था और प्रवेश-पत्र उसे भेज दिए जाते थे। सौदा आमतौर पर पांच लाख रुपये (पेपर लीक के लिए प्रति छात्र) पर तय होता था।"
Updated 13:33 IST, June 25th 2024