Published 17:31 IST, August 22nd 2024
वक्फ बिल मुसलमानों को मंजूर नहीं; मौलाना रहमानी का दावा- 'नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू हमारे साथ'
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी का कहना है कि वक्फ एक्ट में तब्दील करने की जरूरत नहीं है। बिल गलत नियत से बनाया गया है।
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Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का मुसलमानों ने विरोध तेज कर दिया है। जमीयत उलेमा ए हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि बिल के जरिए प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का इरादा है। वक्फ बिल का हर मुसलमान विरोध करता है। जो बिल आया है, वो हमें मंजूर नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने यहां तक दावा किया है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी बिल के विरोध में हैं।
मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी का कहना है कि वक्फ एक्ट में तब्दील करने की जरूरत नहीं है। वक्फ को इससे नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि कोई जामा मस्जिद के लिए आज सबूत मांगे तो क्या ये सही होगा, तिरुपति को लेकर कोई सबूत मांगे तो क्या ये ठीक होगा। रहमानी ने कहा कि वक्फ एक्ट में परिवर्तन ठीक नहीं है। उन्होंने भी आरोप लगाए कि वक्फ बोर्ड में दो गैर मुस्लिम को शामिल करने की कोशिश की गई है। ये पूरी तरह से गलत है। उन्होंने आरोप लगाए कि पूरे देश के मुसलमान परेशान हैं और सरकार ने अगर इसको वापस नहीं लिया तो हम पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
जो बिल आया है वो हमें मंजूर नहीं- मौलाना मदनी
मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि सरकार जानबूझकर कर रही है। हमें विरोध करने का हक है। इलेक्शन के लिए नफरत को पैदा करें ये किसी भी देश के लिए खतरनाक है। उन्होंन कहा कि कांग्रेस या INDI गठबंधन ने जो बात कही थी कि हम सबको अपने धर्म को मनाने का स्वागत होगा। इसे अमन शांति बनी रहेगी। जेपीसी पर मौलाना अरशद मदनी कहते हैं, जो बिल आया है वो हमें मंजूर नहीं है। ये बिल वापस होना चाहिए। अगर कमेटी ने बुलाया तो हम सभी लोग जरूर जाएंगे।
बिल गलत नियत से बनाया गया- मौलाना खालिद रहमानी
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना खालिद रहमानी ने दावा किया कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, तेजस्वी यादव से मुलाकात की है और उन्होंने कहा कि वो बिल का विरोध करेंगे। रहमानी ने जेपीसी पर कहा कि कमेटी अगर राय पूछेगी तो अपनी बात रखेंगे। उन्होंने सवाल भी उठाए कि बिल बनाने से पहले क्यों नहीं पूछा। हमारे बिल ला रहे हैं और हम लोगों से ही नहीं पूछा। उन्होंने कहा कि बिल गलत नियत से बनाया गया है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 क्या है?
विधेयक को फिलहाल संसदीय समिति के पास भेजा गया है। विधेयक की जांच करने वाली समिति में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य हैं। सरकार ने इस महीने की शुरुआत में संपन्न हुए संसद के बजट सत्र में विधेयक पेश किया था और आगे की जांच के लिए इस विधेयक को जेपीसी को भेजने का निर्णय लिया गया था। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 में प्रस्तावित संशोधन लेकर आई है, जिसे वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के रूप में रखा है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है, जिसमें महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करना भी शामिल है।
विधेयक में किसी भी वक्फ संपत्ति के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव है, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके। इसमें ये भी कहा गया है कि 'इस अधिनियम के लागू होने से पहले या बाद में वक्फ संपत्ति के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी'। जिला कलेक्टर ये तय करने वाला मध्यस्थ होगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि और ये निर्णय अंतिम होगा। एक बार निर्णय लेने के बाद कलेक्टर राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक परिवर्तन कर सकता है और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है। विधेयक में ये भी कहा गया है कि कलेक्टर की ओर से राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करने तक ऐसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।
वक्फ विधेयक पर सत्तापक्ष की राय क्या?
शिवसेना नेता और जेपीसी के पैनलिस्ट नरेश म्हास्के कहते हैं कि वक्फ संशोधन विधेयक के तहत हम चाहते हैं कि सबसे गरीब और पिछड़े नागरिकों को न्याय मिले। ये विधेयक कांग्रेस की तरफ से पेश सच्चर समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। हम कुछ अलग नहीं कर रहे हैं। अगर वक्फ बोर्ड संविधान से आगे खड़ा होता है, तो कानूनी फैसला लेना होगा।
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल कहते हैं कि वो विधेयक पर चर्चा करते समय अल्पसंख्यक संगठनों के अधिकतम लोगों को अधिकतम अवसर देंगे। पाल ने कहा कि सरकार का इस विधेयक को लाने का एक खास मकसद है कि वक्फ को सौंपी गई संपत्तियां पिछड़े मुसलमानों और महिलाओं की मदद करें।
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16:54 IST, August 22nd 2024