Published 16:41 IST, August 29th 2024
असम की हिंमता सरकार का बड़ा फैसला, विधानसभा में मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक 2024 पारित
असम विधानसभा ने मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक 2024 को पारित कर दिया है। इस नए कानून के लागू होने के बाद नाबालिका से विवाह की पंजीकरण एक कानूनी अपराध माना जाएगा।
Muslim Marriage Registration Bill: असम विधानसभा ने काजी प्रणाली को खत्म कर मुस्लिम विवाह और तलाक के अनिवार्य सरकारी पंजीकरण के लिए विधेयक पारित कर दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे राज्य की बेटियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है। मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक 2024 पारित होने के बाद अब ये कानून बन गया है।
अमस में इस कानून के लागू होने के बाद नाबालिग से शादी करना और उसका पंजीकरण एक कानूनी अपराध माना जाएगा। इसके अलावा, मुस्लिम शादी का पंजीकरण अब काजी नहीं, राज्य सरकार करेगी। सीएम हिमंता ने X पोस्ट में लिखा- 'हमारी सरकार का एक ही उद्देश्य है, बेटी चाहे मुस्लिम हो या हिंदू, उसके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। मैं असम की जनता से प्रार्थना करता हूं कि हमारा साथ दीजिए और इस प्रथा को इतिहास के पन्नों तक सीमित रखिए। एक आधुनिक असम में इस प्रथा की कोई जगह नहीं है।
काजी व्यवस्था से छुटकारा
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने 22 अगस्त को विधानसभा में असम निरसन विधेयक, 2024 पेश किया था। जिसमें असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और असम निरसन अध्यादेश 2024 को रद्द करने का प्रावधान है। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा में मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा, 'हमारा उद्देश्य न केवल बाल विवाह को खत्म करना है, बल्कि काजी व्यवस्था से छुटकारा पाना भी है। हम मुसलमानों के विवाह और तलाक के पंजीकरण सरकारी प्रणाली के तहत लाना चाहते हैं।'
मुस्लिमों के साथ भेदभाव का आरोप
उन्होंने कहा कि सभी शादियों का पंजीकरण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार करना होगा, लेकिन राज्य सरकार इस उद्देश्य के लिए काजियों की तरह अलग से किसी निजी इकाई का समर्थन नहीं कर सकती। विपक्षी दलों ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे मुस्लिमों के साथ भेदभाव वाला और चुनावी साल में मतदाताओं के ध्रुवीकरण वाला बताया। असम सरकार ने मंगलवार को असम मुस्लिम विवाह और तलाक अनिवार्य पंजीकरण विधेयक, 2024 पेश किया था।
Updated 17:06 IST, August 29th 2024