अपडेटेड April 1st 2025, 22:25 IST
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने जब सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ली है तब से बांग्लादेश हर रोज कोई ना कोई भारत विरोधी एजेंडा चला रहा है। जमात के दम पर बांग्लादेश की कमान संभालने वाले मोहम्मद यूनुस को जब भारत से कोई भाव नहीं मिला तो अपने एजेंडे के मुताबिक चीन की गोद में जा बैठे। चीन पहुंचने पर युनूस ने वो कह दिया जिसकी कभी कोई कल्पना नहीं कर सकता।
मोहम्मद यूनुस ने चीन की धरती पर बैठकर कहा, "भारत के सात राज्य, भारत का पूर्वी भाग जिसे सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, वो लैंड लॉक क्षेत्र है। उनके पास समंदर तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। इस पूरे क्षेत्र में जो समंदर है उसका एकमात्र गार्डियन बांग्लादेश है। इसलिए यह एक बड़ी संभावना को खोलता है। इसलिए यह चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है। सामान बनाए, सामान का उत्पादन करें, सामान चीन में लाए और उसे पूरी दुनिया में ले जाएं।"
अहसान फरामोशी पर उतर आए मोहम्मद यूनुस
चीन के साथ गलबहियां करने पहुंचे मोहम्मद यूनुस लालच में इतने अंधे हो गए कि भारत के पूर्वी क्षेत्र 'चिकन नेक' पर अपने नापाक इरादों का खुलासा कर बैठे। अहसान फरामोश यूनुस ये भी भूल गए कि जिस बांग्लादेश की तरक्की के लिए वो चीन की गोदी में बैठने के लिए तैयार हो गए हैं, उस बांग्लादेश का जन्म ही भारत की मेहरबानियों के दम पर हुआ था। सत्ता के मद में चूर मोहम्मद यूनुस ने जब अपने नापाक इरादे जगजाहिर कर दिए हैं, इसके बाद ये ही कहा जा सकता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि।
मोहम्मद यूनुस ने भारत के खिलाफ उगला जहर
मोहम्मद यूनुस को जब से अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है तब से वहां हिंदुओं और अस्पसंख्यकों पर होते अत्याचारों पर आंख मूंदकर तो बैठे ही हैं लेकिन अब चीन में जाकर उन्होंने जो भारत के खिलाफ जहर उगला वो उससे तो यही कहा जा सकता है कि मोहम्मद यूनुस तो आस्तीन का सांप निकला।
यूनुस की टिप्पणी अपमानजनक और निंदनीय - हिमंता बिस्वा सरमा
भारत के नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को लेकर मोहम्मद यूनुस की शर्मनाक टिप्पणी पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पलटवार करते हुए कहा कि बांग्लादेश की तथाकथित अंतरिम सरकार के मोहम्मद यूनिस द्वारा दिया गया बयान, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के सेवन सिस्टर्स राज्यों को भूमि से घिरा हुआ बताया और बांग्लादेश को उनके समुद्री पहुंच के संरक्षक के रूप में पेश किया, बहुत ही अपमानजनक और अत्यधिक निंदनीय है। यह टिप्पणी भारत के रणनीतिक "चिकन नेक" गलियारे से जुड़ी लगातार भेद्यता की कहानी को रेखांकित करती है।
'चिकन नेक कॉरिडोर के नीचे रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करने की जरुरत'
ऐतिहासिक रूप से, भारत के भीतर के आंतरिक तत्वों ने भी पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि से भौतिक रूप से अलग करने के लिए इस महत्वपूर्ण मार्ग को काटने का खतरनाक सुझाव दिया है। इसलिए, चिकन नेक कॉरिडोर के नीचे और आसपास अधिक मजबूत रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करने की जरुरत है। पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि से जोड़ने वाले वैकल्पिक सड़क मार्गों की खोज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
पब्लिश्ड April 1st 2025, 22:25 IST