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Published 17:56 IST, December 14th 2024

एक साथ चुनाव कराने पर बोलीं महबूबा मुफ्ती, कहा- देश का संघीय ढांचा कमजोर होगा

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा देश के संघीय ढांचे को कमजोर करती है।

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 Mehbooba Mufti
People's Democratic Party President Mehbooba Mufti. | Image: PTI

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा देश के संघीय ढांचे को कमजोर करती है। मुफ्ती ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की यह सरकार दिन-प्रतिदिन भारत के संविधान को नष्ट कर रही है। भारत एक संघीय देश है, जिसका एक संघीय ढांचा है। 'एक देश, एक चुनाव' की बात करके आप संघीय ढांचे को कमजोर कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि…

उन्होंने कहा कि राजग सरकार 2047 तक 'विकसित भारत' बनाने की बात करती है, लेकिन वास्तव में वे देश को पीछे ले जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे 2047 की बात करते हैं, लेकिन वे पीछे की ओर जा रहे हैं। देश के स्वतंत्र होने के बाद शुरुआती वर्षों में 'एक देश, एक चुनाव' था। इसके बाद, क्षेत्रों के बीच सत्ता का वितरण हुआ और संघीय ढांचे का जन्म हुआ। वे हमें उसी तानाशाही की ओर वापस ले जाना चाहते हैं, जो मुझे लगता है कि बहुत ही गलत है।’’

इससे पहले, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की एक बैठक में पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और पीडीपी, दोनों कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों से पीडीपी के एजेंडे से समझौता नहीं करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘लेकिन, मैं आपको बताना चाहती हूं कि पीडीपी कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने के लिए अस्तित्व में आई है।’’

मुफ्ती ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार कैदियों की रिहाई, बिजली, आरक्षण आदि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।’’

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 17:56 IST, December 14th 2024