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Published 16:13 IST, December 6th 2024

EXCLUSIVE/ डिप्टी CM पर उधेड़बुन में फंसे एकनाथ शिंदे... तो फडणवीस का गुरुमंत्र कर गया काम, खुद बताई पूरी कहानी

महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को लेकर खुलासा किया है। फडणवीस ने बताया कि शिंदे पहले पार्टी और सरकार को लेकर पशोपेश में थे।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
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Devendra Fadnavis- Eknath Shinde
एकनाथ शिंदे को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा खुलासा किया। | Image: R Bharat/Facebook

Devendra Fadnavis- Eknath Shinde : देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ा खुलासा किया है। महाराष्ट्र में महायुति की जीत के बाद और शपथ ग्रहण समारोह से पहले एकनाथ शिंदे के हर कदम पर सबकी नजर रही। जिस तरह उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह से पहले अपने पैतृक गांव जाना सही समझा, फिर उनकी तबीयत खराब हुई और उसके बाद ठाणे लौटे, मगर पत्ते फिर भी नहीं खोले। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे की कहानी अब देवेंद्र फडणवीस ने बताई है।

महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह से पहले एकनाथ शिंदे को लेकर चलीं अटकलों पर देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया है। महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनने के बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से पहली बार बातचीत करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि एकनाथ शिंदे पार्टी और सरकार में जिम्मेदारी को लेकर पशोपेश में थे। फडणवीस ने बताया कि उनके समझाने के बाद एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए राजी हुए।

एकनाथ शिंदे को लेकर फडणवीस का जवाब

'ऐसा हो सकता है कि एकनाथ शिंदे पार्टी चलाना चाहते थे, डिप्टी सीएम नहीं बनना चाहते थे। आपने ऐसा क्या कहा, जिससे एकनाथ शिंदे खुद अगले दिन शपथ ग्रहण के लिए आए?' इंटरव्यू में पूछे गए इस सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने अपने जवाब में कहा- 'मेरा उनके (एकनाथ शिंदे) व्यक्तिगत संबंध है। एक दिन नहीं, बल्कि दो तीन दिन पहले वो इस पशोपेश में थे, क्या निर्णय करूं।'

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शिंदे पशोपेश में फंसे, फडणवीस का मंत्र आया काम

देवेंद्र फडणवीस ने बताया, 'उनकी पार्टी (शिवसेना) में एक बड़ा तबका ये मानता था कि उन्हें (एकनाथ शिंदे) सरकार में जाना चाहिए। एक छोटा तबका ऐसा भी था कि जो कह रहा था कि उन्हें सरकार में नहीं जाना चाहिए। एक कॉर्डिनेशन कमेटी बनाकर उसकी प्रमुखता लेनी चाहिए। ऐसे में एकनाथ शिंदे के सामने था कि बड़ा तबका कहता था जाओ और छोटा तबका कहता था कि ना जाओ।'

फडणवीस ने आगे- 'उस समय मैंने अपना व्यक्तिगत उदाहरण एकनाथ शिंदे को दिया और उनसे कहा कि जो ज्यादा लोग कह रहे हैं आपको उन्हीं के अनुसार जाना चाहिए। ये भावुकता में फंसने का विषय नहीं है। ये प्रैक्टिकल विचार करने का समय है, सरकार भी चलनी चाहिए और पार्टी भी चलनी चाहिए। इसी दृष्टि से आप निर्णय लीजिए और एकनाथ शिंदे ने वो निर्णय लिया।'

फडणवीस ने 2022 का खुद का उदाहरण दिया

इसी दौरान देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के सामने खुद का उदाहरण दिया। देवेंद्र फडणवीस ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि मैं एकनाथ शिंदे से कहता हूं कि पार्टी का जो प्रमुख होता है वो अगर सरकार में नहीं रहे तो पार्टी भी ठीक ढंग से नहीं चलती है और सरकार भी ठीक ढंग से नहीं चलती है। बाहर बैठकर सरकार नहीं चलाई जा सकती है। इसी बात के चलते मैंने उपमुख्यमंत्री पद स्वीकर किया था, जो सही फैसला था।

2022 में जब फडणवीस बने डिप्टी सीएम

देवेंद्र फडणवीस ने 2022 में उन्हें डिप्टी सीएम बनाने के पीछे की भी कहानी बताई। फडणवीस ने कहा कि शायद तब पार्टी का आदेश होता और मैं बेमन से उपमुख्यमंत्री बनता। PM मोदी की एक फोन कॉल ने मेरा नजरिया बदल दिया। मुझे लगा कि बात सही है और प्रधानमंत्री कह रहे हैं, मुझे करना है। फडणवीस ने बताया कि डिप्टी सीएम बनने के बाद जिस तरह से कार्यकर्ताओं और नेताओं का प्यार मिला, मैं मानता हूं कि ये प्यार मुझे मुख्यमंत्री बनता तब नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि उससे मेरा विश्वास बढ़ा। मैं साफ शब्दों में कहता हूं कि उस समय मुझे उपमुख्यमंत्री बनाने का सही फैसला था।

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Updated 16:14 IST, December 6th 2024