sb.scorecardresearch

Published 23:12 IST, December 6th 2024

स्कूल में दबंगई और सटीक निशाना, एक राउंड फायर में ली प्रिंसिपल की जान; चंद घंटों में आरोपी गिरफ्तार

MP News: छतरपुर में प्रिंसिपल की गोली मारकर हत्या करने वाले नाबालिग छात्र को पुलिस ने यूपी के महोबा से गिरफ्तार कर लिया है। जानें क्या था हत्या का कारण

Reported by: Digital Desk
Follow: Google News Icon
  • share
Chhatarpur Principal Murder Case
प्रिंसिपल की गोली मारकर हत्या, आरोपी गिरफ्तार | Image: Republic

Chhatarpur Principal Murder Case: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में शुक्रवार को 12वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने स्कूल प्रिंसिपल की गोली मारकर हत्या करदी। वारदात को अंजाम देकर आरोपी छात्र अपने एक दोस्त के साथ प्रिंसिपल का स्कूटर लेकर फरार हो गया। नौगांव थाना पुलिस ने आरोपी सलभ यादव को उत्तर प्रदेश के महोबा से गिरफ्तार कर लिया है।

सलभ यादव ने प्रिंसिपल को महज इस लिए गोली मारी कि उसे स्कूल में देर से आने पर डांटा था। पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने बताया कि प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार सक्सेना को दोपहर करीब डेढ़ बजे धमोरा शासकीय उच्चतर विद्यालय के शौचालय में सिर पर गोली मारी गई। सिर में गोली लगने से सक्सेना की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी उसी स्कूल में 12वीं का छात्र है, जो वारदात को अंजाम देकर अपने दोस्त के साथ प्रधानाचार्य की स्कूटर पर सवार होकर भाग गया।

सटीक निशाना

पुलिस ने आरोपी नाबालिग छात्र को पकड़ लिया है। नौगांव थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी को महोबा से गिरफ्तार किया है। एसपी के अनुसार इस घटना में दो छात्र आरोपी हैं। आरोपी को पूछताछ के लिए ओरछा रोड़ थाना लाया गया है। उसका दूसरा साथी भी इसी स्कूल का छात्र है। इस वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी ने देसी पिस्तौल से केवल एक राउंड गोली चलाई गई थी, जिसे अभी तक बरामद नहीं किया गया है।

अपनी मर्जी से आता था स्कूल

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों आरोपी पहले भी कई बार स्कूल में देरी से आए हैं। कई मौकों पर देरी से आने के लिए डांटे जाने से परेशान थे। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आर पी प्रजापति ने कहा कि सक्सेना पिछले पांच सालों से धमोरा सरकारी उच्च विद्यालय के प्रिंसिपल थे। स्कूल के ही एक शिक्षक हरिशंकर जोशी ने बताया कि 'सक्सेना एक अच्छे व्यक्ति थे और दावा किया कि आरोपी छात्र दबंग छवि का है, वो अपनी मर्जी से स्कूल आता था। प्रिंसिपल सक्सेना ऐसे छात्रों की काउंसलिंग करते थे। अगर हालात नहीं सुधरते थे, तो वे ऐसे छात्रों के माता-पिता को बुलाते थे। सक्सेना के स्कूल के सभी कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध थे।'

ये भी पढ़ें: Bihar: BPSC Exam को लेकर बड़ी खबर, प्रीलिम्स में नहीं लागू होगा नॉर्मलाइजेशन, आयोग का आधिकारिक बयान 

Updated 23:12 IST, December 6th 2024