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पब्लिश्ड 11:10 IST, July 15th 2024

BIG BREAKING: धार के भोजशाला में मंदिर या मस्जिद? ASI ने हाईकोर्ट में पेश की सर्वे की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित 13वीं शताब्दी की ऐताहासिक भोजशाला परिसर की सर्वे रिपोर्ट ASI ने हाई कोर्ट में पेश की।

Reported by: Rupam Kumari
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Dhar Bhojshala
ASI ने पेश किया भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट | Image: PTI

मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित 13वीं शताब्दी की ऐताहासिक भोजशाला परिसर की सर्वे रिपोर्ट ASI ने सोमवार को हाई कोर्ट इंदौर खंडपीठ में पेश किया गया। लगभग 98वें दिनों तक चली आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की सर्वे रिपोर्ट सोमवार को हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में पेश किया गया। 

ASI की टीम धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट 15 जुलाई को हाई कोर्ट में पेश कर दी। इस दौरान 1700 से अधिक पुरातात्विक अवशेष सबूत के तौर पर रखे गए। ASI को पहले ये रिपोर्ट 4 जुलाई को हाई कोर्ट में पेश करनी थी। मगर रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाने के चलते ASI  कोर्ट से 10 का अतिरिक्त समय मांगा था। 98वें दिन के सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने कहा है कि भोजशाला के भीतर भगवान की मूर्ति और कुछ खम्भों के अवशेष मिले हैं।

98वें दिनों की सर्वे के बाद ASI ने पेश किया रिपोर्ट

बता दें कि धार स्थित भोजशाला में 98वें दिन ASI के 6 अधिकारियों के साथ 32 मजदूरों ने काम किया। इंदौर हाई कोर्ट ने 11 मार्च 2024 को धार के भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश ASI को दिया था।  सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 9 घंटे सर्वे काम 98वें दिनों तक चला। हिंदू पक्ष ने यहां श्रीकृष्ण, शिव, जटाधारी भोलेनाथ, ब्रह्मा समेत 37 देवी-देवताओं की मूर्ति होने का दावा किया है।

हिंदू पक्ष ने किया है ये दावा

इससे पहले हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने दावा किया था कि भोजशाला के बाहरी उत्तर पूर्वी कोने, कमाल मौलाना दरगाह के पश्चिम से जांच के दौरान 4 अवशेष मिले, इनमें एक भगवान 'चतुर्भुज नारायण' की मूर्ति और 3 भोजशाला की दीवारों, खंभों के अवशेष हैं। बताया जाता है कि ASI की टीम ने सभी अवशेषों को संरक्षित किया। गर्भगृह में मिले हुए पुराने अवशेषों की फोटोग्राफी का काम भी हुआ है।

अगली सुनवाई 22 जुलाई को

बता दें कि मुस्लिम पक्ष यहां मस्जिद होने का तो हिंदू पक्ष मंदिर होने का दावा करते आ रही है। हिंदू संगठनों का दावा है कि धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद, मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था, लेकिन बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था। अब रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

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अपडेटेड 11:53 IST, July 15th 2024