पब्लिश्ड 19:20 IST, January 13th 2025
Dhirendra Shastri: 'कुम्भ की जमीन किसी के अब्बा की नहीं हमारे बब्बा की है', मौलाना बरेलवी पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री
Mahakumbh 2025: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धारेंद्र शास्त्री ने मौलाना रजवी पर पलटवार करते हुए कहा कि कुंभ की जमीन तुम्हारे अब्बा की नहीं है, हमारे बब्बा की है।
Mahakumbh 2025 : सनातन आस्था के सबसे बड़े प्रतीक और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ का आगाज हो चुका है। पहले ही दिन करीब 1.5 करोड़ लोगों में संगम के त्रिवेणी घाट पर अस्था की डुबकी लगाई। एक तरफ आस्था का सैलाब उमड़ रहा है तो दूसरी तरफ बयानबाजियों का दौर भी जारी है। बीते दिनों मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरवेली ने महाकुंभ की कुछ भूमि वक्फ की भूमि बताया था, जिस पर आज बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पलटवार किया है।
ओडिशा के जगन्नाथपुरी में 5 दिवसीय भागवत कथा में पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री ने बगैर मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरवेली का बिना नाम लिए हुए कहा कि कुछ दिन पहले किसी भाई साहब ने बयान दिया कि ये जो कुंभ की जमीन है वो वक्फ बोर्ड की जमीन है, इसकी जानकारी जब हमें मिली तो हमने कहा कि कुंभ की जमीन तुम्हारे अब्बा की नहीं है, हमारे बब्बा की है। क्योंकि इस्लाम धर्म का जन्म अरब देश से हुआ हैं भारत से नहीं हुआ। भारत तो गोपाल की भूमि है इसलिए यहां सब गोविंदजी का है।
तुम्हारे पास जो भी हमारा दिया हुआ- धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर बाबा ने कहा कि जो तुम्हारे पास हैं वो जमीन हमने तुम्हे दी है और यह उदारता समझो है तुम्हें दी, तुम्हारी कुछ नहीं है। तुम्हारे अलग देश है। सनातन धर्म जैसा कोई धर्म नहीं है, सनातन एक मात्र ऐसा धर्म है जो वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ पूरी दुनिया को परिवार मानकर जीता है। बाकी दुनिया के लोग व्यापर की दृष्टि से जीते हैं हम सनातन को मानने वाले परिवार की दृष्टि से जीते हैं।
इस दौरान मंच से बागेश्वर सरकार ने हिंदुओं से कहा कि मुसलमान को कुरान का ज्ञान है ईसाइयों को बाइबल का ज्ञान है लेकिन हिंदुओं के टूटने और बंटने का एक ही कारण है कि हिन्दुओं के बच्चों को न गीता का ज्ञान है न रामायण का ज्ञान है,अब हमें इंटेलीजेंस हिन्दू बनना है।
मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरवेली ने क्या कहा था?
कुछ दिन पहले कुम्भ की तैयारियों के दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरवेली ने कहा था कि महाकुंभ के मेले में जिस तरीखे से नागा संन्यासियों ने, अखाड़े परिषद, स्वामी बाबाओं ने मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया हैं उस प्रतिबंद पर अगर देखे तो खुद वे जिस जमीन के हिस्से पर तंबू,अखाड़े लगाए है, मेला लगा रहे हैं वो वफ्फ की जमीन है और वहां के मुसलमानों की जमीन है।
अपडेटेड 19:29 IST, January 13th 2025