Published 11:42 IST, July 11th 2024
ऑपरेशन RTG: 8700 Ft उंचाई, 9 दिनों तक खुदाई, 9 महीने बाद सेना ने निकाला बर्फ में दबे 3 जवानों का शव
Operation RTG: भारतीय सेना के जवानों ने ऑपरेशन आरटीजी चलाकर तीन जवानों का शव 9 महीने बाद 1 टन बर्फ के नीचे से निकाला है।
2022 के अक्टूबर महीने में लद्दाख में हिमस्खलन के दौरान 38 भारतीय सैनिक फंस गए थे। इन्हें बचाने के लिए सेना की और से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें कई जवानों को बचा लिया गया। अभियान में एक सैनिक का शव भी बरामद किया गया, जबकि तीन लापता थे। तीनों सैनिकों के बर्फ में ही दबे होने की जानकारी सामने आई थी। हालांकि, अब इस मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। घटना के 9 महीने बाद सेना के जवानों ने ऑपरेशन RTG चलाया और तीनों जवानों के शव बरामद कर लिए।
भारतीय सेना ने बीते 9 दिनों तक लगातार 18.700 फीट की ऊंचाई पर 10 से 12 घंटे खुदाई करके तीनों जवानों का शव ढूंढ़ निकाला है। इस ऑपरेशन के दौरान करीब 1 टन बर्फ को हटाया गया, जिसके बाद इस मिशन में कामयाबी मिली है।
परिजनों को सौंपा गया एक जवान का शव
जवानों का शव निकलाने के बाद एक का शव उनके परिजन को सौंप दिया गया। परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया। किन्नौर जिले के शहीद जवान रोहित का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव तारांडा लाया गया। फिर यहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन RTG?
दरअसल, 18 जून को सेना ने ऑपरेशन आरटीजी (रोहित, ठाकुर, गौतम) शुरू किया। इस ऑपरेशन में 88 एक्सपर्ट पर्वतारोही शामिल हैं। तीनों शवों को निकालने के लिए खुम्बाथांग से करीब 40 किलोमीटर पहले एक कैंप स्थापित किया गया। इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति के लिए पहले से ही दो हेलीकॉप्टर को भी तैयार रखा गया।
सड़क से करीब 13 किलोमीटर दूर 14,790 फुट की ऊंचाई पर आधार शिविर स्थापित किया गया। HAWS के कमांडेंट मेजर जनरल ब्रूस फर्नांडीज आधार शिविर में खुद मौजूद रहे और अभियान की निगरानी की। HAWS के डिप्टी कमांडेंट ब्रिगेडियर एस एस शेखावत ने इस अभियान का नेतृत्व किया। बता दें, ऑपरेशन का नाम लापता सैनिकों के सम्मान में रखा गया।
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Updated 12:12 IST, July 11th 2024