अपडेटेड 23 August 2024 at 10:38 IST
Kolkata Rape Case: काली रात की करतूत को बताने में किसने की देरी? बड़ा खुलासा, देखें पूरी टाइमलाइन
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर संग रेप के बाद मर्डर मामले में कोलकाता पुलिस ने क्या-क्या कदम उठाए। इसकी टाइमलाइन पर एक नजर…
- भारत
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Kolkata Rape-Murder: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर संग रेप के बाद हत्या मामले को लेकर देशभर में आक्रोश है। आमजन, सेलेब्स और डॉक्टरों समेत अन्य ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई कर रही है। बीते दिन यानी कि 22 अगस्त को मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट अदालत को सौंप दी।
इस बीच मामले में थोड़ा पीछे जाकर समझने की कोशिश करते हैं कि कोलकाता पुलिस ने वारदात को लेकर क्या-क्या कदम उठाए। इसकी टाइमलाइन पर एक नजर…
9 अगस्त की रात क्या-क्या हुआ?
कोलकाता पुलिस द्वारा हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में लगाई गई रिपोर्ट से पता चला है कि ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में पड़ा मिला। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को इसकी सूचना सुबह लगभग 10 बजकर 10 मिनट पर दी। जानकारी के मुताबिक, पीड़िता की मौत देर रात ही हो चुकी थी। ऐसे में वारदात का पता चलने के बाद भी पुलिस को करीब 40 मिनट देरी से कॉल की गई।
9 अगस्त को साढ़े 9 बजे के करीब डॉ सुमित्रा राय जो की चेस्ट डिपार्टमेंट में पीजीटी फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट है उस दिन वार्ड में ड्यूटी पर थी। वार्ड में राउंड से पहले सुमित्रा राय सेमिनार हॉल में पीड़िता को ढूंढते हुए पहुंची थीं। सुमित्रा राय ने कुछ दूरी से ही पीड़िता की बॉडी देखी और इसकी जानकारी अपनी सहकर्मी और सीनियर डॉक्टर को दी। इसके बाद हॉस्पिटल अथॉरिटी को मामले की जानकारी दी गई।
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करीब 10 बजकर 10 मिनट पर ताला पुलिस स्टेशन को आरजी कर अस्पताल की तरफ से फोन कर शव मिलने के बारे में सूचित किया गया। पुलिस को बताया गया कि अर्धनग्न हालत में बेसुध एक महिला सेमिनार हॉल में पड़ी है। जानकारी मिलने के बाद पुलिस करीब साढ़े 10 बजे घटनास्थल पहुंची। इसके बाद तुरंत सीन ऑफ क्राइम को कॉन्टैमिनेटेड होने से बचाने के लिए सुरक्षित कर दिया जाता है। फिर 10 बजकर 52 मिनट पर पीड़िता के परिवार को तुरंत अस्पताल बुलाया गया। 11 बजे हत्या की जांच के लिए डिटेक्टिव डिपार्टमेंट की टीम के साथ ऑफिसर इंचार्ज क्राइम सीन पर पहुंचे।
क्राइम सीन की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी
फिर क्राइम सीन की जानकारी इकट्ठा करते हुए डिटेक्टिव डिपार्टमेंट टीम की साइंटिफिक विंग की टीम ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की। मौका-ए-वारदात पर कोलकाता पुलिस के सीनियर ऑफिसर भी पहुंचे। साथ ही स्टेट एफएसएल को भी बुलाया गया। वहीं इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने भी मौके पर पहुंचकर मृतक महिला को एग्जामिन किया। करीब 12 बजकर 44 मिनट पर ड्यूटी पर मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने पीड़िता को मृत घोषित किया।
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9 अगस्त को 1 बजे के करीब पीड़िता के माता-पिता और परिजन ने बेटी का हाल जानने के लिए हॉस्पिटल अथॉरिटी से मुलाकात की। इसके बाद परिजनों को सेमिनार हॉल ले जाया गया, जहां उनकी बेटी का शव पड़ा था। इस समय पर एफएसएल की टीम मौके-ए-वारदात का निरीक्षण कर रही थी। इसके बाद मृतका का मेडिकल और डेथ सर्टिफिकेट इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने पुलिस को सौंपा।
बेटी की हालत देखने के बाद 3 बजे मृतका के परिजन और कॉलेज के अन्य छात्रों ने कानूनी कार्रवाई की आवाज उठाई। साथ ही जुडिशल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाने की मांग की। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान की वीडियोग्राफी कराने की भी मांग की गई।
पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंपा गया
शाम करीब 4 बजे के आस पास जुडिशल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कानूनी कार्रवाई शुरू की गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जुडिशल मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में फॉरेंसिक डॉक्टर के एक बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। साथ ही ऑटोस्पी सर्जन ने शव से सबूत इकट्ठा कर सीज कर लिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।
पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई FIR
बेटी संग हुई घटना को लेकर पिता ने एफआईआर दर्ज कराई। मामले की जांच सीसीटीवी के जरिये शुरू की गई। शुरुआत में 11 लोगों की जांच की गई, जिनमें चार डॉक्टर सहयोगी शामिल थे जो उस रात पीड़िता के साथ ड्यूटी पर थे।
10 अगस्त को SIT का गठन
इसके बाद 10 अगस्त को जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। मामले के आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। इस दौरान उसके शरीर पर चोटों के निशान भी मिले। इसके बाद आरोपी का मोबाइल जब्त कर उसका मेडिकल और कानूनी परीक्षण के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
11 अगस्त को क्या हुआ?
11 अगस्त को मामले की जांच के लिए अस्पताल के कुछ सीसीटीवी फुटेज को वीडियोग्राफी के तहत जब्त किया गया और उनकी जांच की गई। इसके अलावा गवाहों के बयान दर्ज किए गए और चार डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया। इतना ही नहीं एसओसी का नक्शा बनाया गया और ट्रेनी डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसके परिजनों को सौंपी गई।
सहयोगी डॉक्टरों के दर्ज किए गए बयान
12 अगस्त को एसआईटी में छह नए मेंबर शामिल किए गए। साथ ही चार डॉक्टरों की विस्तृत जांच की गई और उनके बयान दर्ज किए गए। डॉ रणित चक्रवर्ती, डॉ सुदेश बैराली, डॉ आदित्य नाथ और डॉ अयन हर चौधरी की डिटेल्ड जांच की गई और उनका बयान दर्ज किया गया। इसके बाद कोर्ट से यूडी केस नंबर 861 को एफआईआर केस नंबर 52 के साथ जोड़ने के लिए कहा गया। मामले की जांच के लिए आरोपी के मोबाइल फोन से डेटा निकालने की परमिशन दी गई लेकिन टेक्निकल समस्या के कारण इस काम को पूरा नही किया जा सका।
13 अगस्त को मामले की जांच आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने आरोपी का ब्लड सैंपल लिया, उसके बयान दर्ज कर उसके आधार पर नौ संदिग्ध वस्तुएं जब्त की गईं। जुटाए हुए सबूतों को सीएफएसएल कोलकाता को फोरेंसिक और डीएनए जांच के लिए भेजा गया। आरोपी के मोबाइल फोन से डेटा निकालने की प्रक्रिया कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने की गई। इसके बाद 16 लोगों को नोटिस जारी कर उनके बयान दर्ज किए गए।
…फिर सौंपी गई CBI को जांच?
कोलकाता पुलिस के मामले की जांच में देरी और सवालों के घेरे में होने के चलते कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस केस को सीबीआई को सौंपने का आदेश दे दिया। अब इस केस को सीबीआई देख रही है और मामले की तह तक जाने और सच्चाई का पता लगाने में जुटी हुई है।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 23 August 2024 at 10:38 IST