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पब्लिश्ड 20:23 IST, January 15th 2025

केरल हाईकोर्ट ने जमानत मिलने के बाद भी चेम्मनूर के जेल में रहने पर कड़ी आपत्ति जताई

केरल उच्च न्यायालय ने प्रमुख व्यवसायी बॉबी चेम्मनूर को मलयालम अभिनेत्री हनी रोज द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले में एक दिन पहले जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर आने में देरी करने पर बुधवार को फटकार लगाई। इसके बाद चेम्मनूर ने अदालत से माफी मांगी।

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Kerala High Court
केरल हाईकोर्ट | Image: Social media

केरल उच्च न्यायालय ने प्रमुख व्यवसायी बॉबी चेम्मनूर को मलयालम अभिनेत्री हनी रोज द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले में एक दिन पहले जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर आने में देरी करने पर बुधवार को फटकार लगाई। इसके बाद चेम्मनूर ने अदालत से माफी मांगी।

उच्च न्यायालय ने माफीनामा कबूल करते हुए मामले के स्वत: संज्ञान वाली याचिका बंद कर दी। इससे पहले दिन में अदालत ने चेम्मनूर को ‘‘अदालत के साथ नाटक न करने’ की चेतावनी दी और कहा कि व्यवसायी का आचरण ‘‘न्यायपालिका को चुनौती देने’’ के समान था। 

व्यवसायी के आचरण से नाराज न्यायमूर्ति पी. वी. कुन्हीकृष्णन ने चेम्मनूर को ‘‘उच्च न्यायालय के साथ खेल नहीं खेलने’’ की चेतावनी दी और कहा कि अगर जमानत दी गई है, तो इसे रद्द भी किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने चेम्मनूर से दोपहर 12 बजे तक स्पष्टीकरण भी मांगा कि जमानत मिलने के बाद वह बाहर क्यों नहीं आए।

उच्च न्यायालय ने कहा कि जमानत आदेश मंगलवार को शाम चार बजकर आठ मिनट तक उसकी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था और रिहाई का आदेश शाम चार बजकर 45 मिनट पर जारी किया गया था। अदालत ने पूछा, ‘‘उसके बाद भी चेम्मनूर को जेल में क्यों रखा गया?’’

अभियोजन पक्ष ने उच्च न्यायालय को बताया कि चेम्मनूर के वकीलों ने जेल में रिहाई आदेश पेश नहीं किया और इसीलिए उन्हें बाहर नहीं जाने दिया गया। अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि व्यवसायी ने दावा किया है कि वह बाहर इसलिए नहीं आए, क्योंकि जेल में कई रिमांड कैदी हैं जो जमानत मिलने के बावजूद बाहर नहीं आ सकते क्योंकि उनके पास जमानत राशि के भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं।

इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘आपको (चेम्मनूर को) रिमांड कैदियों की वकालत करने की जरूरत नहीं है। उनके मामले को देखने के लिए उच्च न्यायालय और न्यायपालिका हैं। अदालत के साथ नाटक मत करिए।’’ न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘वह मीडियाकर्मियों का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और रिहाई आदेश को अपने पास रखकर कहानियां गढ़ रहे हैं। उनकी जमानत क्यों नहीं रद्द की जानी चाहिए?’’

न्यायाधीश ने कहा कि अगर उन्होंने व्यवसायी को जमानत दी है तो वह इसे रद्द भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप (चेम्मनूर) सोचते हैं कि आप कानून से ऊपर हैं? मैं पुलिस से उन्हें (चेम्मनूर को) गिरफ्तार करने और दो सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश देने को कह सकता हूं।’’ दोपहर 12 बजे मामले में फिर से सुनवाई होने पर अदालत ने व्यवसायी की खिंचाई जारी रखते हुए कहा कि उनका आचरण ‘‘न्यायपालिका को चुनौती देने’’ के समान है।’’

अदालत ने यह भी कहा कि चेम्मनूर का आचरण मंगलवार को उनकी ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता का भी अपमान है जिन्होंने जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘वह (चेम्मनूर) खुद को क्या समझते हैं? मुझे पता है कि उन्हें यहां कैसे लाया जाए। वह नाटक कर रहे हैं। वह उच्च न्यायालय के साथ खेल रहे हैं। वह न्यायपालिका को खुली चुनौती देकर ललकार रहे हैं और कह रहे हैं कि रिमांड कैदी वहां फंसे हुए हैं। उन्हें लगता है कि हर किसी को खरीदा जा सकता है।’’

अदालत ने चेम्मनूर के वकीलों को अपराह्न एक बजकर 45 मिनट पर यह जवाब देने के लिए कहा कि क्या चेम्मनूर ने जेल से रिहा होने के बाद मीडियाकर्मियों के सामने कोई बयान दिया था कि वह रिमांड कैदियों के हित की वकालत करने के लिए जेल में है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने ऐसा किया है तो मैं उनकी जमानत रद्द करने के लिए नोटिस जारी करूंगा। मैं पुलिस को दो सप्ताह में जांच पूरी करने के लिए कहूंगा और मजिस्ट्रेट अदालत को एक महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दूंगा। वह इस दौरान जेल में रह सकते हैं।’’

सुबह जेल से बाहर आने के बाद चेम्मनूर ने संवाददाताओं से कहा कि कई कैदियों ने उनसे कहा कि जमानत मिलने के बावजूद वे जेल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि उनके पास जमानत राशि भरने के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘जब वे मेरे पास आए, तो मैंने उनसे कहा कि हम इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं। मैं सिर्फ इसी वजह से एक दिन जेल में रहा।’’

हनी रोज मामले में मंगलवार को चेम्मनूर को राहत देते हुए न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘हमारे समाज में शारीरिक संरचना को लेकर किसी का मजाक उड़ाना स्वीकार्य नहीं है।’’ चेम्मनूर पर यौन रुझान वाली टिप्पणियों को लेकर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 75 (4) के साथ आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) अधिनियम की धारा 67 के तहत इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि उन्होंने ‘‘द्विअर्थी’’ शब्दों का प्रयोग किया था। व्यवसायी को आठ जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और नौ जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। अभिनेत्री की शिकायत के अनुसार, निमंत्रण पर उन्होंने सात अगस्त, 2024 को कन्नूर के अलाकोड में चेम्मनूर इंटरनेशनल ज्वैलरी शोरूम का उद्घाटन किया था, जहां हजारों लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए जुटे थे।

शिकायत में कहा गया है कि उद्घाटन समारोह के दौरान, चेम्मनूर ने अभिनेत्री के गले में एक हार पहनाया और फिर इस मौके का फायदा उठाते हुए बुरी नीयत से उन्हें गलत तरीके से छुआ, उनका हाथ पकड़ कर उन्हें गोल गोल घुमाया। हालांकि, चेम्मनूर ने जमानत याचिका में अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया और इन आरोपों को गलत और निराधार बताते हुए खुद को बेकसूर बताया।

अपडेटेड 20:23 IST, January 15th 2025