अपडेटेड 18 September 2023 at 17:26 IST
Karva Chauth: करवाचौथ और हरतालिका तीज, दोनों कितना अलग और क्या है पूजा विधि?
अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए सुहागिन महिलाएं हरतालिका और कौरवाचौथ का व्रत रखती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन सा व्रत ज्यादा मुश्किल होता है।
- भारत
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Karva Chauth Or Hartalika Teej: आज देशभर में हरतालिका तीज की धूम मची हुई है। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए इस व्रत को रखती हैं। ठीक इसी तरह से सुहाग के लिए महिलाएं करवाचौथ कौ व्रत भी रखती हैं। ये दोनों ही व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। दरअसल, ये दोनों की फास्ट पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाते हैं, लेकिन इन दोनों के नियम अलग होते हैं, जिसकी वजह से एक व्रत थोड़ा ज्यादा मुश्किल माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि हरतालिका या करवाचौथ कौन सा व्रत ज्यादा मुश्किल होता है?
स्टोरी में आगे ये पढ़ें...
- हरतालिका व्रत में क्या होता है?
- करवाचौथ व्रत में क्या होता है?
- पूजा करने का तरीका?
- कौन सा व्रत होता है मुश्किल और क्यों?
हरतालिका व्रत में क्या होता है?
हरतालिका व्रत सुहागिन महिलाएं अंखड सौभाग्य और दांपत्य जीवन में सुख शांति के लिए रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं सुबह से निर्जल व्रत रखती हैं। शाम को सोलह श्रृंगार करके मां पर्वती, शंकर जी और गणेश जी की विधिवत पूजा अर्चना करती हैं।
करवाचौथ व्रत में क्या होता है?
करवाचौथ का व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन वह सुबह के समय सूरज निकलने से पहले सरगी खाती है और फिर पूरे दिन निर्जल व्रत रखकर शाम को चांद की पूजा करने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
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पूजा करने का तरीका?
दोनों ही व्रत अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है, लेकिन इनके पूजा की विधि अलग होती है। हरतालिका तीज पर भगवान शिव, पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है, वहीं करवाचौथ पर चंद्र देव की पूजा होती है।
कौन सा व्रत होता है मुश्किल और क्यों?
दोनों ही व्रत सामान महत्व वाले होते हैं, लेकिन इनकी पूजा की विधि अलग होने की वजह से एक व्रत थोड़ा कठिन हो जाता है। दरअसल, हरतालिका तीज के व्रत को करवाचौथ के व्रत से ज्यादा कठिन माना जाता है, क्योंकि तीज के व्रत में महिलाएं न कुछ खाती है और न ही पानी पीती है और इसका पारण भी अलगे दिन किया जाता है। वहीं करवाचौथ के व्रत में सुबह के समय में सरगी खा सकते हैं और फिर रात में पूजा के बाद पारण भी करने का विधान है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 18 September 2023 at 17:25 IST

