Published 13:50 IST, July 25th 2024
'मेरे बेटे ने सीने में गोली खाई...', करगिल युद्ध के शहीद उदय मान सिंह को याद कर भावुक हुईं मां
करगिल युद्ध में शहीद हुए उदयमान सिंह की मां अपने बेटे को याद कर भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि कैसे युद्ध से पहले उदयमान सिंह ने परिवार के साथ वक्त बिताया था।
गुरसिमरन सिंह
देश कारगील युद्ध के 25 साल बाद करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। करगिल के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़कर भारत माता के लिए शहीद होने वाले वीर सपूतों को आज भी देश का हर एक नागरिक कोटी-कोटी नमन करता है। ऐसे में आइए जानते हैं, युद्ध में शहीद हुए वीर सपूत उदय मान सिंह की कुर्बानी की कहानी।
साल 1999 में ऑपरेशन विजय के दौरान भारतीय सेना के 500 से अधिक वीर शहीद हुए थे। जम्मू के श्यामचक क्षेत्र के उदयमान सिंह भी राष्ट्र की अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों में शामिल थे।
मेरे बेटे ने सीने में गोली खाई पीठ नहीं दिखाया
उनकी मां कांता देवी कहती हैं कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। उनकी मां शहीद उदयमान सिंह का बटुआ और गोली के निशान वाला एक रुपये का सिक्का दिखाती हैं, वह कहती हैं कि उनके बेटे ने सीने पर गोली खाई, लेकिन कभी पीठ नहीं दिखाई।
4 जून 1999 को 18 ग्रेनेडियर्स के साथ दो अन्य बटालियनों को टाइगर हिल पर कब्जा करने का काम सौंपा गया और देर शाम ऑपरेशन शुरू किया गया। उदयभान सिंह अगली सुबह शहीद हो गए।
25 साल बाद भी खलती है बेटे की कमी
कांता देवी बताती हैं कि कैसे उनका बेटा दो महीने परिवार के साथ बिताने के बाद करगिल चला गया और 25 साल बाद भी उसके जाने से पैदा हुआ खालीपन अभी भी मौजूद है, लेकिन एक युद्ध नायक की मां होने का गौरव हमेशा उनके दर्द पर हावी रहता है।
Updated 14:24 IST, July 25th 2024