sb.scorecardresearch
Advertisement

Published 13:02 IST, May 15th 2024

BIG BREAKING: ज्‍योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, राजमाता माधवीराजे ने AIIMS में ली अंतिम सांस

केंद्रीय मंत्री और भाजपा कद्दावर ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है।

Reported by: Kiran Rai
Follow: Google News Icon
  • share
Madhavi Raje
ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन | Image: Facebook
Advertisement

Big Breaking Madhavi Raje: केंद्रीय मंत्री और भाजपा कद्दावर ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राज सिंधिया की वो पत्नी थीं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। एक सूत्र ने यह जानकारी दी। सूत्र के मुताबिक, सुबह 9.28 बजे उनकी मृत्यु हो गई और वह आखिरी कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थीं।

सूत्र ने बताया कि उनका पिछले तीन महीने से प्रमुख अस्पताल में इलाज चल रहा था और वह निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस से भी पीड़ित थीं। 70 साल की राजमाता ने दिल्ली स्थित एम्स में अंतिम सांस लीं। वे पिछले 3 महीने से यहां एडमिट थीं।

राजमाता माधवी राजे के बारे में

राजमाता माधवी राजे का संबंध नेपाल के राजघराने से था। उनके दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री और राणा वंश के मुखिया भी रहे थे। 1966 में माधवराव सिंधिया संग उनका ब्याह  हुआ था। मार्च 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का फैसला लिया था, तो सबसे ज्यादा साथ माधवी राजे सिंधिया ने दिया था। सूत्र बताते हैं कि पिता की विरासत छोड़ने का संकोच ज्योतिरादित्य में था लेकिन तब मां ने बेफिक्र हो कदम आगे बढ़ाने को कहा था।  कहते हैं इसके बाद ही ज्योतिरादित्य ने अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया की तरह बड़ा कदम उठाया था।

1966 में हुआ था माधवराव सिंधिया से विवाह

शादी से पहले राजमाता माधवी राजे का नाम राजकुमार किरण राजलक्ष्मी देवी था। माधव राव जी सिंधिया संग दिल्ली में शानो-शौकत के शादी हुई थी।  शाही शादी में देश-विदेश से मेहमान शामिल हुए थे। शादी मराठी परंपरा से हुई इसलिए नेपाल की राजकुमारी का नाम बदला गया था। इसके बाद वो किरण राजलक्ष्मी से माधवीराजे कहलाने लगीं। ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने बेटे का रिश्ता तय किया था।

राजनीति में न आने का फैसला लिया

माधवराव सिंधिया का निधन 30 सितंबर 2001 को हुआ था। इसके बाद से वो काफी टूट गई थीं, लेकिन बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया और बहू प्रियदर्शनी राजे सिंधिया की मार्गदर्शक रहीं। गुना से भाजपा प्रत्याशी और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मां से सलाह मशविरा करके फैसला लेते हैं। माधवी राजे के राजनीति में आने के कयास भी लगते रहे। माना जा रहा था कि वो साल 2004 के आम लोकसभा चुनाव में ग्वालियर लोकसभा से चुनाव लड़ सकती हैं। अफवाह जोरों पर थी कि गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और ग्वालियर से माधवी राजे मैदान में होंगी।   माधवराव के आकस्मिक निधन से लोग भावुक थे। ऐसे में भी माधवी राजे ने खुद को राजनीति से दूर रखा। पति माधवराव सिंधिया की राजनीतिक विरासत बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए छोड़ दी।

ये भी पढ़ें- वैचारिक दिवालियेपन का सामना कर रही कांग्रेस ‘दीमक’ की तरह खुद को चट कर रही है: सिंधिया
 

11:11 IST, May 15th 2024