sb.scorecardresearch

Published 23:07 IST, December 3rd 2024

औपनिवेशिक विरासत को खत्म करने में न्यायपालिका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई : न्यायमूर्ति विकास महाजन

न्यायमूर्ति विकास महाजन ने मंगलवार को कहा कि न्यायपालिका ने ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से औपनिवेशिक विरासत को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Follow: Google News Icon
  • share
court
Representative court | Image: Pixabay

न्यायमूर्ति विकास महाजन ने मंगलवार को कहा कि न्यायपालिका ने ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से औपनिवेशिक विरासत को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। न्यायमूर्ति महाजन ने कहा कि देश की स्वतंत्रता ने औपनिवेशिक शासन का हालांकि अंत कर दिया, लेकिन इससे हमारे शासन और कानूनी ढांचे में गहराई तक पैठी औपनिवेशिक संरचनाएं, प्रणालियां और कानून तुरंत नहीं मिट गए।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा, ‘‘न्यायपालिका ने भारत के विउपनिवेशीकरण की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने औपनिवेशिक कानूनी ढांचे को भी चुनौती दी और न्याय, समानता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों को बरकरार रखा।’’

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने ‘‘उपनिवेशवाद का उन्मूलन: उच्चतम न्यायालय के निर्णय और भारतीय संविधान’’ शीर्षक से आयोजित एक परिचर्चा कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि उपनिवेशवाद के उन्मूलन का अर्थ ‘‘हमारे कानूनों, संस्थाओं और सोच से औपनिवेशिक प्रभावों को हटाने की एक सतत प्रक्रिया है।’’

उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता परिषद ने संविधान दिवस 2024 मनाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम में, पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान ने कहा कि आपातकाल लागू करना औपनिवेशिक दमन का ‘‘सबसे स्पष्ट’’ प्रदर्शन था।

इसे भी पढ़ें:महाकुंभ में स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हाईटेक व्यवस्था

Updated 23:07 IST, December 3rd 2024