Published 17:37 IST, June 8th 2024
कोख का सौदा! जन्म देते ही मां ने नवजात बच्चे को किसी ओर को सौंपा, खरीदने-बेचने का शक
गर्भवती महिला ने अस्पताल में अपना नाम बदल कर लिखवाया, अब नाम क्यों बदला? इसके बारे में जब पड़ताल की गई तो सामने आया कि उसने अपना बच्चा किसी को सौंप दिया है।
Mother Handed over Newborn Child : झारखंड के सरायकेला जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक गर्भवती महिला ने अस्पताल में अपना नाम बदल कर लिखवाया, अब नाम क्यों बदला? इसके बारे में जब पड़ताल की गई तो सामने आया कि महिला ने अपने मासूम नवजात बच्चे किसी और को सौंप दिया है।
यानी बिना कानूनी तौर पर कागजी कार्रवाई के सीधे तौर पर बच्चे को किसी दूसरे परिवार को सौंप दिया जाता है और अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में भनक तक नहीं लगती, वहीं बच्चे को जन्म देने वाली महिला से जब इस बारे में बात की गई तो उसने बताया कि उनके पास पहले से चार बच्चे हैं और इस बार जिस बच्चे को उसने जन्म दिया है, वो बच्चा वह नहीं चाहती थी, यानी गर्भवती महिला वह बच्चा गिराना चाहती थी, ऐसे में गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक महिला कर्मचारी उसे सलाह देती है कि, तुम यह बच्चा किसी को गोद दे सकती हो। जिसके बाद शुरू होता है बच्चे को किसी ओर महिला को सौंपने का खेल।
जाने क्या था पूरा मामला?
मामला 28 मई 2024 का है, जब एक गर्भवती महिला नाम बदलकर एक बच्चे को जन्म देती है, उसके बाद उस बच्चे को एक दंपत्ति पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा लेकर चले जाते हैं। बांधाझुड़िया की रहनेवाली पूर्णिमा तांती को प्रसव पीड़ा के बाद गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता है, जहां एक एक करके पन्ने खुलते हैं।
उससे पहले सुबह के वक्त 6:55 पर बच्चे का जन्म होता है, चौंकाने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य केंद्र के किसी भी रिकॉर्ड में पूर्णिमा तांती का नाम तक दर्ज नहीं था, फिर सवाल ये उठता है कि पूर्णिमा तांती का प्रसव कहां हुआ और उसका बच्चा अभी कहां है?
गुमराह करने के लिए गलत नाम लिखवाया
इसको लेकर मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि अस्पताल के रजिस्टर में क्रमांक संख्या 218 में सुदीप्ता दत्ता, पति सजल दत्ता (जिला सरायकेला) दर्ज है। हैरान करने वाली बात ये है कि सहिया जयंती सेन और सुनीता प्रमाणिक ने स्वास्थ्य विभाग को गुमराह कर गलत महिला का नाम दर्ज कराया था?
पड़ताल के बाद पता चला कि सुदीप्ता और उसके पति बच्चे को टीएमच रेफर कराकर बच्चा सहित गायब हो गए हैं। वहीं सुदीप्ता ने रेफर का पेपर तक नहीं लिया, जो सीएचसी में ही पड़ा हुआ है।
समाजसेवी सुनीता ने ऐसे दी सफाई
समाजसेवी सुनीता से जब इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘पूर्णिमा गर्भ गिराना चाहती थी मैंने उसे सलाह दिया कि ऐसा मत करो, कई लोग ऐसे होते हैं जो बच्चे को गोद लेते हैं, तुम बच्चे को जन्म दो। इसी बीच सुदीप्ता दत्ता से उसका संपर्क होता हैं, जिनकी तरफ से बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई जाती है। दोनों के बीच कोर्ट के पेपर पर लिखापढ़ी हुई और प्रसव के बाद सुदीप्ता बच्चे को लेकर चली गई।’
जब सुनीता से यह पूछा गया कि अस्पताल में पूर्णिमा को भर्ती कराया गया तब वहां सुदीप्ता का नाम क्यों दर्ज कराया गया ? इस सवाल के जवाब में वह निरुत्तर हो गई और कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इसके बाद आगे सुनीता ने बताया कि, ‘सुदीप्ता को बीस सालों से बच्चा नहीं हो रहा था। वह पिछले पांच महीने से पूर्णिमा का ख्याल रख रही थी। उसके इलाज में होने वाले सभी खर्च वहन कर रही थी।’
बच्चे को जन्म देने वाली पूर्णिमा तांती ने क्या कहा ?
हरिशचंद्र घाट बांधाझुड़िया में जब पूर्णिया से पूरी घटना के बारे में साफ साफ पूछा गया तो, उसने बताया कि, ‘उसके चार बच्चे हैं और बड़ा बेटा दिव्यांग है। ऐसे में वह बच्चों की परवरिश कर पाने में सक्षम नहीं है। सुदीप्ता उसकी दूर की रिश्तेदार है। उसे शादी के बीस साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ। वह बच्चे को गोद लेना चाहती थी। इसलिए मैंने बच्चा उसे दे दिया है।’ हालांकि पूर्णिमा ने पैसे के लेनदेन से इनकार किया है। वहीं महिला ने बताया कि वह बच्चों की परवरिश करने में सक्षम नहीं है।
Updated 17:41 IST, June 8th 2024