पब्लिश्ड 13:25 IST, January 23rd 2025
India Women's Summit 2025: अमेरिका में सेटल थीं भारत बायोटेक की फाउंडर सुचित्रा इल्ला, फिर क्यों लौटीं वापस? बताई पूरी कहानी
भारत बायोटेक की फाउंडर और एमडी सुचित्रा इल्ला ने कोवैक्सीन के उत्पादन के दौरान आई चुनौतियों से लेकर पर्सनल और वर्क लाइफ को बैलेंस करने के बारे में बातचीत की।
India Women's Summit 2025: रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के ‘वॉयसेज दैट एम्पावर’ के तहत इंडिया विमेंस समिट के दूसरे संस्करण का आयोजन किया गया है। इस इवेंट में उन दिग्गज महिलाओं ने शिरकत की जिन्होंने हर बाधाओं को पार कर अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने के लिए लंबा सफर तय किया। इसी कड़ी में देश में विकसित कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनी भारत बायोटेक की फाउंडर और एमडी सुचित्रा इल्ला इस सम्मेलन में शामिल हुईं।
भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की फाउंडर और एमडी सुचित्रा इल्ला (Suchitra Ella) ने रिपब्लिक इंडिया विमेंस समिट में कोवैक्सीन के उत्पादन के दौरान आई चुनौतियों से लेकर अपनी पर्सनल और वर्क लाइफ को बैलेंस करने के बारे में बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अमेरिका से वापस भारत आने से जुड़ी बातों का भी जिक्र किया।
वापस भारत क्यों लौटीं सुचित्रा?
सुचित्रा इल्ला ने भारत वापस आने और देश की सेवा करने के पीछे का कारण बताते हुए कहा, ‘हमारे मन में कहीं न कहीं देश की सेवा करने का जुनून था। ये प्रौद्योगिकियां दुनिया के तमाम हिस्सों में नहीं हो रही थीं, भारत की तो बात ही छोड़िए। पूरे विकासशील विश्व में प्लेटफार्म प्रौद्योगिकियां, उत्पाद निर्माण, नए अणु विकास और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल और टीके और दवाईयां नहीं थीं। इसलिए हमें लगा कि उस वक्त यह (प्रौद्योगिकियां) समय की मांग थी। और यह अभी भी है और भविष्य में और अधिक होगी।’
पहली स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन पर क्या बोलीं इल्ला?
रिपब्लिक इंडिया विमेंस समिट में बोलते हुए सुचित्रा इल्ला ने अभूतपूर्व अनिश्चितता के समय में भारत की पहली स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन, COVAXIN के तेजी से विकास और लॉन्च पर प्रकाश डाला। इल्ला ने बताया, ‘महामारी से पहले, हमारे लिए वैक्सीन का विकास एक लंबी प्रक्रिया थी, जो अक्सर 10 से 15 साल तक चलती थी। इसमें कठोर नैदानिक डेटा, विनियामक अनुपालन और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी की मंज़ूरी शामिल थी।" "महामारी ने हमें चौंका दिया। हमें नहीं पता था कि आगे क्या करना है। वैक्सीन के बिना एक देश होने का विचार डरावना था। भारत की अपनी विशाल आबादी को टीका लगाने की क्षमता एक अनूठी चुनौती थी जिसका सामना किसी भी देश ने इतने बड़े पैमाने पर नहीं किया था। फिर भी साल 2021-2022 तक, भारत बायोटेक ने साबित कर दिया कि यह संभव है।’
मुझे श्रम की गरिमा सिखाई गई- सुचित्रा इल्ला
भारत बायोटेक की संस्थापक सुचित्रा इल्ला ने कोवैक्सीन के बारे में बताते हुए कहा, 'बचपन से ही मुझे श्रम की गरिमा सिखाई गई थी। चैरिटी हमेशा घर से ही शुरू होती है। इसलिए मैं इस बात पर दृढ़ता से विश्वास करती हूं। और मैंने यह भी सुनिश्चित किया है कि मेरे बच्चे भी इसी राह पर चलें।'
समय को मैनेज करना सबसे महत्वपूर्ण- सुचित्रा इल्ला
उन्होंने आगे कहा, 'हमने स्कूलिंग, कॉलेज और अन्य दिनों में सभी काम खुद ही किए हैं। हालांकि हमें मदद मिलती थी। फिर बाद में जब हम अमेरिका चले गए, तो वहां व्यवस्थाएं बहुत अलग थी। वहां आपको अपने दम पर काम करना होता है... आपको हमेशा आगे बढ़ने के लिए तैयार रहना होता है। खासकर जब हम पढ़ाई या काम कर रहे थे... उस वक्त मैं फुल टाइम काम कर रही थी। तब तक मेरे दो बच्चे हो गए थे... लेकिन बच्चे होना काम न करने का बहाना नहीं है। इसलिए मुझे मैनेज करना होगा... इसलिए इस तरह की जीवनशैली एक तरह से अच्छी है, क्योंकि यह आपको अपने समय को मैनेज करना सिखाती है जो महत्वपूर्ण है। समय को मैनेज करना आज हम सभी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है।'
भारत बायोटेक ने बनाई थी स्वदेशी कोविड-19 कोवैक्सिन
बता दें कि हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की सक्सेस के पीछे चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा इल्ला और उनकी पत्नी, फाउंडर और एमडी सुचित्रा इल्ला रही हैं। कंपनी ने स्वदेशी कोविड-19 टीका कोवैक्सिन विकसित किया। आणविक जीव विज्ञान में शोध वैज्ञानिक, कृष्णा एला और सुचित्रा एला ने 1996 में भारत बायोटेक की स्थापना की थी। बता दें कि भारत बायोटेक इनोवेटिव वैक्सीन टीकों के उत्पादन के मामले में दुनिया की प्रमुख कंपनी है।
अपडेटेड 14:57 IST, January 23rd 2025