sb.scorecardresearch

Published 22:42 IST, November 30th 2024

भारत को बांग्लादेश की चिंताओं का समाधान करना चाहिए : विदेश मामलों के सलाहकार

बांग्लादेश ने एक हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए भारत को उसकी दीर्घकालिक चिंताओं का समाधान करने की आवश्यकता है

Follow: Google News Icon
  • share
ISKCON Calls for Prayers Seeking Protection for Minorities in Bangladesh
बांग्लादेश हिंसा | Image: PTI

बांग्लादेश ने एक हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर भारत के साथ चल रहे कूटनीतिक विवाद के बीच शनिवार को कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए भारत को उसकी दीर्घकालिक चिंताओं का समाधान करने की आवश्यकता है, हालांकि वह द्विपक्षीय हितों की रक्षा के साथ अच्छे संबंधों को लेकर आशान्वित हैं।

बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने भी स्वीकार किया कि पांच अगस्त के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच ‘‘संबंधों में बदलाव’’ आया है और कहा कि यह एक ‘‘वास्तविकता’’ है।

हुसैन ने कहा कि ढाका और नयी दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए भारत को बांग्लादेश की दीर्घकालिक चिंताओं का समाधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश की पिछली (अपदस्थ) सरकार ने भारत की चिंताओं का समाधान किया, लेकिन भारत ने बांग्लादेश की चिंताओं का समाधान नहीं किया।’’

विवादित नौकरी कोटा प्रणाली को लेकर अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बाद अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना पांच अगस्त को भारत चली गईं। तीन दिन बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला।

भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक गतिरोध तब शुरू हो गया जब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियस (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया।

‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत’ के प्रवक्ता दास को मंगलवार को राजद्रोह के एक मामले में चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। इसके बाद दास के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पें शुरू हो गईं, जिसके परिणामस्वरूप एक वकील की मौत हो गई।

सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) ने बताया कि हुसैन यहां दक्षिण एशियाई नीति एवं प्रशासन संस्थान (एसआईपीजी) और नॉर्थ साउथ विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान एवं समाजशास्त्र विभाग (पीएसएस) द्वारा आयोजित ‘बांग्लादेश-भारत संबंध: अपेक्षाएं, बाधाएं और भविष्य’ विषय पर आयोजित गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

विदेश मामलों के सलाहकार ने स्वीकार किया कि ‘‘पांच अगस्त के बाद संबंधों में बदलाव आया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तविकता है’’ लेकिन वर्तमान कूटनीतिक चुनौतियों के बावजूद द्विपक्षीय संबंधों के प्रति आशावादी बने हुए हैं।

बीएसएस ने हुसैन के हवाले से कहा, ‘‘ढाका इस बात को लेकर आशावादी है कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने में सक्षम होंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि द्विपक्षीय हितों की रक्षा हो।’’

उन्होंने विदेश नीति पर राष्ट्रीय आम सहमति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राजनीतिक विभाजन के कारण बांग्लादेश अपनी क्षमताओं का पूर्ण लाभ नहीं उठा सका।

Updated 22:42 IST, November 30th 2024