Published 23:38 IST, December 20th 2024
भारत ने बांग्लादेश सरकार के सलाहकार की टिप्पणियों को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया
भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक सलाहकार द्वारा की गई सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर ढाका के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक सलाहकार द्वारा की गई उस सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर ढाका के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय क्षेत्र के कुछ इलाकों को उनके देश (बांग्लादेश) का हिस्सा होना चाहिए।
भड़काऊ टिप्पणियां करने के लिए चर्चित महफूज आलम ने चार दिन पहले फेसबुक पर एक नक्शा भी पोस्ट किया था, जिसमें पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ क्षेत्रों को बांग्लादेश के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। जब इस पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया हुई, तो उन्होंने इसे हटा दिया था।
आलम बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में मंत्री हैं।
इस पोस्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को सभी संबंधित पक्षों को अपनी सार्वजनिक टिप्पणियों के प्रति सतर्क रहने की याद दिलाई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे को बांग्लादेशी सरकार के समक्ष उठाया है। हमने इस मुद्दे पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हमें पता चला है कि जिस पोस्ट का जिक्र किया जा रहा है, उसे कथित तौर पर हटा दिया गया है।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘हम सभी संबंधित पक्षों को याद दिलाना चाहेंगे कि वे अपनी सार्वजनिक टिप्पणियों के प्रति सतर्क रहें, जबकि भारत ने बार-बार बांग्लादेश के लोगों और अंतरिम सरकार के साथ संबंधों को बढ़ावा देने में रुचि दिखाई है, ऐसी टिप्पणियां सार्वजनिक अभिव्यक्ति में जिम्मेदारी की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।’’
यूनुस द्वारा बांग्लादेश में संसदीय चुनाव कराने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा न दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों के प्रति अपने दृष्टिकोण को बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है। हमने कहा है कि हम एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश का समर्थन करते हैं।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने आपसी विश्वास, सम्मान और एक-दूसरे की चिंताओं और हितों के प्रति आपसी संवेदनशीलता के आधार पर बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने की अपनी इच्छा दोहराई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर भी जोर दिया है कि बांग्लादेश के लोग भारत-बांग्लादेश संबंधों में मुख्य हितधारक हैं और हमने इस बात पर भी ध्यान दिया है कि भारत का बांग्लादेश के साथ विकास सहयोग और बहुआयामी संबंध, जिसमें संपर्क, व्यापार, बिजली, ऊर्जा और क्षमता निर्माण के क्षेत्र शामिल हैं, सभी बांग्लादेश के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए हैं।’’
यूनुस ने 16 दिसंबर को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि विभिन्न सुधारों के कार्यान्वयन के आधार पर चुनाव 2025 के अंत और 2026 की शुरुआत के बीच हो सकते हैं।
काहिरा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ बैठक के बाद बांग्लादेश में रुके हुए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन की मेजबानी की पेशकश करने वाले यूनुस की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा कि भारत विभिन्न मंचों के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग पर जोर दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। हम बिम्सटेक जैसे मंचों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षेस एक और मंच है...आप जानते हैं कि दक्षेस के अंतर्गत सहयोग आगे क्यों नहीं बढ़ रहा है।’’
दक्षेस एक क्षेत्रीय समूह है, जिसमें भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
Updated 23:38 IST, December 20th 2024