Published 19:03 IST, August 19th 2024
'बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत में सेना के संरक्षण में शरण मिले',श्री अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाई मांग
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर रिपब्लिक ने हिंदू धर्म के चार स्तंभ माने जाने वाले शंकराचार्यों से इस मुद्दे पर चर्चा की।
Advertisement
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से ही वहां हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। हिंदुओं पर हमलों की तस्वीरों ने पूरे भारत को दहला कर रख दिया है। जिस तरह बांदग्लादेश में हिंदू मंदिरों में तोड़ फोड़ की जा रही है, हिंदुओं के घरों और दुकानों को लूटा जा रहा है, उससे हर भारतीय चिंतित है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर रिपब्लिक ने हिंदू धर्म के चार स्तंभ माने जाने वाले शंकराचार्यों से इस मुद्दे पर चर्चा की। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य श्री अविमुक्तेस्वरानंद जी बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के साथ अमानवीय व्यवहार पर कहा कि यह बहुत ही कठिन समय है, जब हमारा ही देश जिसको बांट लिया गया और यह कहकर के बांट लिया गया कि हम किसी हालत में हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते, इसलिए हमको अलग कर दिया जाए।
धर्म का आधार पर देश का बंटवारा हुआ- अविमुक्तेस्वरानंद
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य श्री अविमुक्तेस्वरानंद ने कहा कि धर्म के आधार पर बंटवारे का यह पहला उदाहरण बना जहां पर देश धार्मिक कारण से दो टुकड़े हो गया। ऐसी स्थिति में भी हम लोगों ने शांति बनाए रखी, सब कुछ सहा और और देश में बंटवारा हो गया। लोगों की अदला-बदली हो रही थी, जो हिंदू थे वह वापस हिंदुस्तान में आ रहे थे और यहां से मुसलमान उन जगहों पर जा रहे थे, बीच में हिंसा की गई और तब माउंटबेटन को यह मौका मिला कि वह यह कह सके कि आप लोग आजादी को संभाल नहीं पा रहे हैं। उसी के कहने पर जिन्ना ने और जवाहरलाल नेहरू ने एक अस्थाई व्यवस्था की जिसके अंतर्गत की जो जहां है, अभी वहीं रह जाए, यह तात्कालिक व्यवस्था थी क्योंकि विभाजन तो धर्म के आधार पर किया गया था।
विभाजन के समय जो यह कहा गया कि जो जहां पर है, वहीं पर रह जाए, हम उसके जान माल की रक्षा सुरक्षा का वचन देते हैं, जब इस तरह का आश्वसन दिया गया तो क्या कारण है कि आज हिंदुओं पर बांग्लादेश में अत्याचार हो रहे हैं, जबकि हिंदुओं का कोई दोष नहीं है।
हिंदू दुनिया के किसी कोने में हो, संकट के समय भारत में शरण का अधिकारी- अविमुक्तेश्वरानंद
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बाद वहां रह रहे हिंदू भारत आना चाहते हैं क्योंकि उनके बाप-दादा इसी भारत के रहने वाले हैं। बांग्लादेश राजनीतिक रूप से भले ही अलग देश हो लेकिन सांस्कृतिक रूप से अलग नहीं है। आज भी हमारे तीर्थ स्थान वहां पर मौजूद हैं। मैं कहना चाहता हूं कि भारत की सरकार इस मामले में आगे आए और हिंदुओं को भरोसा दिलाए कि यह भारत हिंदुओं की मातृभूमि है। विश्व के किसी भी कोने में अगर कोई हिंदू कहीं भी रह रहा है, अगर वह संकट में पड़ता है तो उसको इस बात का संदेश जाना चाहिए, भरोसा होना चाहिए कि अगर वह संकट के समय में भारत जाएंगे तो उनको वहां शरण मिलेगी।
बांग्लादेशी हिंदुओं को भारत में शरण देनी चाहिए- अविमुक्तेश्वरानंद
1971 में क्या हुआ था वहां से लोग आए थे और हमारे देश में शरण दी गई। क्यों नहीं हम एक बार फिर वहां के हिंदुओं को यहां पर शरण दे। उनको शरण देने के लिए स्थान का चयन करें। हमने तो यहां तक राष्ट्रपति मौजूद को पत्र लिखकर कहा है कि प्रधानमंत्री से चर्चा कीजिए कि अगर आवश्यकता होगी तो हम संन्यासीगण उनके भोजन, आवास और कपड़े आदि की व्यवस्था का खर्चा आपके सरकारी खजाने पर नहीं आने देंगे, केवल आप जमीन दे दीजिए। अपनी सुरक्षा में उन्हें शरण दे दीजिए।
भारत हिंदुओं की जन्म भूमि है- अविमुक्तेश्वरानंद
उनको इस बात का अधिकार है कि वह भारत आए क्योंकि भारत हिंदुओं की जन्म भूमि है, कम से कम भारत में तो संकट के समय उन्हें निर्बाध आने-जाने का मंजूरी होनी चाहिए। हम सब बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़े हुए हैं और पूरी दृढ़ता के साथ खड़े हुए, उन्हें जिस बात की आवश्यकता होगी हम उनके आचार्य होने के नाते उनके पीछे खड़े हैं। भारत की सरकार से भी कहना चाहते हैं कि ऐसा ना हो कि आने वाले दिनों में जितने हमारे हिंदू बांग्लादेश में रहते हैं और उससे ज्यादा बांग्लादेशी भारत में रहते हैं, भारत के लोगों ने संयम बना कर रखा है, कहीं ऐसा ना हो कि बांग्लादेशी को यहां से खदेड़ा जाने लगे तो फिर क्या होगा। आपके नागरिक भी हमारे देश में रह रहे हैं, बड़े प्रतिष्ठा के साथ रह रहे हैं। हिंदू उनके साथ कोई बुरा व्यवहार नहीं कर रहे हैं। कृपया करके हमारे हिंदुओं के साथ वहां पर जो कुछ भी हो रहा है, जो अंतरिम सरकार है, उसको कहा जाना चाहिए, अल्टीमेटम देकर क्या कहा जाना चाहिए कि केवल वक्तव्य देकर से काम नहीं चलेगा, जनता के साथ, बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ, भारत के हिंदुओं को साथ खड़े होने की आवश्यकता है।
18:46 IST, August 19th 2024