Published 19:04 IST, July 27th 2024
गुरुग्राम धोखाधड़ी: 3 को CBI हिरासत तो 40 न्यायिक हिरासत में, विदेशियों को ऐसे बनाते थे शिकार
Gurugram News: ऑपरेशन चक्र पार्ट 2 के तहत गुरुग्राम से गिरफ्तार 43 आरोपियों की हिरासत पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
Advertisement
Gurugram News: ऑपरेशन चक्र पार्ट 2 के तहत गुरुग्राम से गिरफ्तार 43 आरोपियों की हिरासत पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 3 आरोपियों को CBI की कस्टडी और 40 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए जमानत पर रिहा करने की मांग की थी।
आपको बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले CBI ने 3 आरोपियों के लिए 7 दिन की कस्टडी की मांग की थी, जबकि 40 को न्यायिक हिरासत में भेजने की गुहार लगाई थी।
ये है पूरा मामला
गुरुग्राम के कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों से ठगी करने के आरोप में सीबीआई ने 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इंटरपोल की शिकायत पर सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। आपको बता दें कि आरोपियों पर नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 के बीच 15 मिलियन US डॉलर के धोखाधड़ी का आरोप है।
जानकारी मिल रही है कि चाइनीज कंपनी अलग-अलग देशों से विदेशी नागरिकों से ठगी करवाती थी। अलग-अलग देशों में साइबर फाइनेंशियल क्राइम कराया जाता था और ठगी का पैसा हॉन्गकॉन्ग भेजा जाता था। सीबीआई की इंटरनेशनल ऑपरेशन डिवीजन ने 22 जुलाई 2024 को डीएलएफ गुरुग्राम की एक कंपनी के खिलाफ साजिश, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की थी।
ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
CBI प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘सीबीआई इस संबंध में सुराग और आगे की कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से एफबीआई एवं कई देशों की कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ सक्रियता से समन्वय कर रही है।’’
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने छापे के दौरान 130 कंप्यूटर हार्डडिस्क, 65 मोबाइल, पांच लैपटॉप, अभियोजन योग्य सामग्री, वित्तीय लेन-देन विवरण, ‘कॉल रिकार्डिंग’ और पीड़ितों की जानकारियां, बातचीत के लिप्यांतरण आदि जब्त किये।
ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि निशाने पर लिये जाने वालों को अपने ‘सिस्टम’ (कंप्यूटर) में ‘मैलिसियस’ (गड़बड़ी वाले) सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के लिए राजी किया जाता था, जिससे उनके कंप्यूटर बंद हो जाते थे। इसके बाद पीड़ितों को अपने ‘सिस्टम’ को सही करने के लिए भुगतान करने के लिए कहा जाता था। यह पता चला है कि अपराध से होने वाली कमाई कई देशों से हांगकांग पहुंचाई जाती थी।
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई तब शुरू की गई जब सीबीआई को पता चला कि इस नेटवर्क में अंतरराष्ट्रीय साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों का समन्वय केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा था, जिसका निर्देशन मुख्य रूप से गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी से संचालित कॉल सेंटर से किया जा रहा था।
ये भी पढ़ेंः दिल्ली पुलिस पर CBI की नकेल, रेड में कई इंस्पेक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार; जनवरी से जुलाई तक टाइमलाइन
(PTI इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत)
19:04 IST, July 27th 2024