Published 15:56 IST, December 19th 2023
वाराणसी-नई दिल्ली के बीच दूसरी वंदे भारत ट्रेन का रंग भगवा या सफेद जानें सच्चाई
सोमवार को जिस दूसरी वाराणसी-नयी दिल्ली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, वह पहली वाली ट्रेन की तरह ही सफेद और नीले रंग की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जिस दूसरी वाराणसी-नयी दिल्ली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, वह पहली वाली ट्रेन की तरह ही सफेद और नीले रंग की है। उत्तर रेलवे ने एक दिन पहले संवाददाताओं के बीच वितरित विवरण पुस्तिका में वंदे भारत ट्रेन को भगवा और भूरे रंग में दर्शाया था।
उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमारी योजना भविष्य में वंदे भारत को भगवा-भूरे रंग में बदलने की है। कोच कारखानों में इसकी प्रक्रिया चल रही है। ‘‘भविष्य के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, हमने अपनी विवरण पुस्तिका में भगवा-भूरे रंग के वंदे भारत को दर्शाया था।’’
उत्तर रेलवे ने कहा,‘‘ट्रेन में सूचना और मनोरंजन प्रदान के लिए वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आरामदायक व्यवस्था, बायो-वैक्यूम शौचालय, एलईडी लाइट व्यवस्था, हर सीट पर चार्जिंग सुविधा और किताब पढ़ने के लिए रोशनी जैसी बेहतर सुविधाएं हैं।’’
रेलवे ने बयान में कहा है कि ट्रेन में हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के साथ ही बेहतर एयर कंडीशनिंग प्रणाली है। इसमें मौसम की परिस्थितियों/यात्रियों की संख्या के अनुसार एयर कंडीशनिंग को कम या ज्यादा करने की भी व्यवस्था है। बता दें कि सोमवार को वाराणसी में ट्रेन को दोपहर बाद दो बजकर 45 मिनट पर रवाना किया गया। हालांकि, यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन सुबह छह बजे वाराणसी से नयी दिल्ली रवाना होगी।
ट्रेन दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर नयी दिल्ली पहुंचेगी और 55 मिनट बाद दोपहर तीन बजे वाराणसी रवाना होगी। ट्रेन रात 11 बजकर पांच मिनट पर अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। अभी नयी दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत ट्रेन सुबह छह बजे दिल्ली से रवाना होती है और दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंचती है। यह दोपहर तीन बजे नयी दिल्ली के लिए रवाना होती है और रात 11 बजे गंतव्य पर पहुंचती है। यह मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है।
रेलवे ने केरल में कासरगोड और तिरुवंनतपुरम के बीच 24 सितंबर को भगवा-भूरे रंग की पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की थी।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में पत्रकारों के साथ बातचीत में इस बात से इनकार कर दिया था कि वंदे भारत ट्रेन का रंग नारंगी या भगवा होने के पीछे कोई राजनीति है। उन्होंने कहा था कि रंगों का चुनाव पूरी तरह से वैज्ञानिक सोच के आधार पर होता है। मनुष्य की आंखों को दो रंग सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं - पीला और नारंगी। यूरोप में लगभग 80 फीसदी ट्रेनों का रंग नारंगी या पीले और नारंगी रंग के संयोजन वाला है।’’
Updated 15:58 IST, December 19th 2023