Published 07:29 IST, July 26th 2024
जनरल अनिल चौहान का जांबाजों को सलाम, ‘कारगिल युद्ध में सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा’
जनरल अनिल चौहान ने कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कहा कि 1999 के युद्ध में सैनिकों द्वारा दिया गया बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
जनरल अनिल चौहान ने कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कहा कि 1999 के युद्ध में सैनिकों द्वारा दिया गया बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना के तीनों अंग एक बड़े सुधार की दहलीज पर हैं।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने कारगिल युद्ध के 25 वर्ष होने के अवसर पर सशस्त्र बलों के सभी कर्मियों को अपनी बधाई और शुभकामनाएं दीं। जनरल चौहान ने रेखांकित किया कि "सेना के तीनों अंग एक बड़े सुधार की दहलीज पर हैं, जो संगठनात्मक, संरचनात्मक, वैचारिक से लेकर सांस्कृतिक तक के स्तर पर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन सुधारों का अंतर्निहित उद्देश्य युद्ध दक्षता में सुधार करना और सशस्त्र बलों को हर समय युद्ध के लिए तैयार रखना है। हमें पुरानी प्रथाओं को छोड़ने और नयी प्रथाओं को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सुधारों का आकार और रूपरेखा भारतीय परिवेश और चुनौतियों की विशिष्टता को प्रतिबिंबित करना चाहिए।"
कारगिल के वीरों की वीरता को याद करते हुए, चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि "खून बहाकर सीखे गए सबक को नहीं भूलना चाहिए, गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए और सही सबक को मजबूत करना चाहिए।’’
सीडीएस ने अपने संदेश में यह भी रेखांकित किया कि कारगिल युद्ध में बहादुरों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, "यह न केवल सैनिकों बल्कि देश के युवाओं की भावी पीढ़ियों को भी प्रेरित और प्रोत्साहित करता रहेगा।"
कारगिल युद्ध की विशिष्टता पर प्रकाश डालते हुए जनरल चौहान ने कहा कि युद्ध में न केवल सेना बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी लोगों के लिए सबक थे। इस अवसर पर, सीडीएस ने नागरिकों को आश्वासन दिया कि सशस्त्र बल नयी ऊर्जा से भरा हुए हैं क्योंकि राष्ट्र 'अमृत काल' में कदम रख रहा है और भारत को 'विकसित भारत' बनाने के लिए देश के बाकी हिस्सों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 07:29 IST, July 26th 2024