Published 19:33 IST, October 21st 2024
Ganderbal: सज-संवरकर करवाचौथ व्रत खोलने का इंतजार कर रही थी शशि अबरोल की पत्नी, आई मनहूस खबर फिर...
घाटी में आतंकियों के शिकार हुए शशि अबरोल की पत्नी कल करवाचौथ का व्रत तोड़ने के लिए पति के फोन के इंतजार में बैठी रही। मगर उन्हें जो खबर मिली उससे वो टूट गई।
Ganderbal Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकियों ने एक बार फिर कायराना हरकत की है। रविवार (20 अक्टूबर) की रात यहां आतंकियों ने 6 टनल वर्कर्स सहित एक डॉक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी। मरने वाले में पेशी से आर्किटेक्चरल डिजाइनर शशि अबरोल भी शामिल हैं। 20 अक्टूबर का दिन हर सुगाहवती महिलाओं के लिए बेहद खास था, क्योंकि इस दिन करवाचौथ का व्रत था। सभी सुहागिनों ने अपनी पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा था। शशि अबरोल की भी पत्नि ने अपने पति के लिए यह व्रत रखा था।
घाटी में आतंकियों के शिकार हुए डिजाइनर शशि अबरोल की पत्नी ने कभी सपने में नहीं सोचा था कि जिस दिन वो अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेगी, उसी दिन उसके पति की मौत की खबर आ जाएगी। रूची ने अपने पति से शाम को फोन कर बात की थी। फिर वो दुल्हन की तरह सज-संवर कर चांद की दीदार किया। करवाचौथ का व्रत खोलने के लिए ने रूची ने पति शशि को वीडियो क कॉल किया। मगर उन्होंने फोन उठाया नहीं। फिर वो पति के फोन के इंतजार में बैठी रही, मगर फोन नहीं आई। कुछ देर बात जब शशि ने नंबर मिलाया तो फोन switchoff बताया।
करवा चौथ पर शशि की पत्नी ने रखा था व्रत
शशि अबरोल की पत्नी सज-संवरकर फोन की घंटी बजने का इंतजार कर रही थी ताकि वह करवाचौथ का व्रत खोल सके जो उसने अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखा था। लेकिन इसके बजाय यह खबर आयी कि कश्मीर के गांदरबल जिले में हुए एक आतंकी हमले में उसके पति की मौत हो गई है। शशि अबरोल की मौत की खबर रविवार देर रात चांद निकलने के काफी समय बाद आयी।
वीडियो कॉल पर पति को देखने का इतंजार करती रही शशि
बता दें कि करवाचौथ का व्रत रखने वाली लाखों हिंदू महिलाएं अपना दिन भर का उपवास चंद्रमा देखने के बाद तोड़ती हैं। रुचि अबरोल ने भी अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। रविवार को श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों के हमले में मारे गए सात लोगों में शशि अबरोल भी शामिल थे। वह आर्किटेक्चरल डिजाइनर के तौर पर कार्यरत थे। हमला उस समय हुआ जब कर्मियों की टीम देर शाम काम से अपने शिविर लौट चुकी थी।
शाम को दोनों ने आखिरी बार की थी फोन पर बात
अगली सुबह, शशि की पत्नी रुचि अपनी तीन साल की बेटी को सीने से लगाए खड़ी थी- क्रुद्ध, व्यथित। उसके चेहरे पर जो भाव थे, वह साफ दिखा रहे थे कि उसके लिए खबर पर यकीन करना मुश्किल था। दंपति का एक बेटा भी है जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।आखों में आंसू की धार और सिसकते हुए रुचि ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत के दौरान कहा, ‘मैंने शशि से शाम को बात की थी। उन्होंने किसी धमकी का जिक्र नहीं किया। मैं करवाचौथ व्रत के लिए मंदिर जा रही थी और हमारी थोड़ी सी बातचीत हुई। मंदिर से लौटने के बाद मैंने उन्हें फोन करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उसके बाद उनका फोन बंद हो गया।’
मीडिया से पति की मौत की मिली खबर
जम्मू के तालाब तिल्लो इलाके में स्थित अपने घर पर अपनी सास के साथ बैठी रुचि ने कहा, मैंने उनके फोन का इंतजार किया, लेकिन मुझे हमले के बारे में कुछ पता नहीं था। परिवार ने कहा कि देर रात तक किसी ने उन्हें नहीं बताया कि क्या हुआ और बाद में भी हमले के बारे में जानकारी मीडिया के माध्यम से ही हुई। रुचि की भाभी दिव्या ने कहा कि रुचि अपना उपवास तोड़ने से इनकार कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी (रुचि) जिंदगी बिखर गई है। करवाचौथ का त्यौहार हमारे लिए तबाही का दिन बन गया। हमारे शशि जी को आतंकवादियों ने कायराना हरकत में मार डाला।’’
रुचि ने अपनी पूजा कर ली थी और अपने पति के वीडियो कॉल का इंतजार कर रही थी। दिव्या ने कहा, देर रात शशि जी का फोन बंद होने पर हमें टेंशन हो गया था। हालांकि हमने रुचि को सांत्वना देने की कोशिश की। हमें उनकी मृत्यु के बारे में मीडिया से ही पता चला, जिसने हम सभी को चौंका दिया। शशि परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे।दिव्या ने कहा, ‘‘इससे उन्हें क्या मिला? अब वह अपने बच्चों का भरण पोषण कैसे करेगी? हम उन्हें श्राप देते हैं।
6 साल से इस कंपनी में काम कर रहे थे शशि
सोनमर्ग में निर्माण कंपनी एपीसीओ के लिए पिछले छह वर्षों से काम कर रहे शशि आखिरी बार दो महीने पहले अपने बेटे के कॉलेज एडमिशन के दौरान घर आए थे। दिव्या ने कहा,उनका लक्ष्य अपने बेटे को एक होनहार इंजीनियर के रूप में देखना था। शशि की मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों पड़ोसी, रिश्तेदार और अन्य लोग शोक व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंचे।
परिवार की सरकार से मांग
परिवार ने सरकार की इसलिए आलोचना की कि उन्हें तुरंत सूचित नहीं किया गया। उन्होंने अधिकारियों से अंतिम संस्कार के लिए शशि के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द लाने का आग्रह किया। आतंकी हमले की घटना के बाद शशि की बहन उर्वशी ने आक्रोशित स्वर में कहा, यह इस बात का सबूत है कि कैसी शांति और कैसी सामान्य स्थिति बहाल हुई है। सात लोगों की हत्या कर दी गई। हमने अपना भाई खो दिया।’’
यह घटना उमर अब्दुल्ला के जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के ठीक चार दिन बाद हुई। परिवार ने सरकार से वित्तीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया। शशि के पिता जे एल अबरोल ने कहा कि उन्हें कश्मीर में कभी किसी खतरे की आशंका नहीं रही थी। उन्होंने कहा, हम अपनी बहू के लिए नौकरी की मांग करते हैं ताकि परिवार का भरण-पोषण हो सके। बच्चों की देखभाल करना सरकार का कर्तव्य है।
इनपुट-भाषा
Updated 19:47 IST, October 21st 2024