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Published 12:02 IST, December 26th 2024

पूर्व CJI की मां ने आखिर क्यों उनका नाम 'चंद्रचूड़' रखा था? पहले रखा था दूसरा नाम, काफी दिलचस्प है ये किस्सा

मेरी मां को गुरु किशोरी अमोनकर संगीत सिखाने के लिए सप्ताह में एक दिन आया करती थीं, और मैं पर्दे के पीछे से छिपकर अपनी मां को संगीत सीखते हुए देखा करता था।

Reported by: Ravindra Singh
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DY Chandrachud Farewell
पूर्व CJI की मां ने आखिर क्यों उनका नाम 'चंद्रचूड़' रखा था? | Image: ANI

Ex CJI Chandrachud Intresting Story about His Name: पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ का नाम 'चंद्रचूड़' (Former CJI Chandrachud) उनकी मां ने रखा था। पहले उनका नाम उनकी मां ने 'धनंजय' (Dhananjay) रखा था। तुम्हारे 'धनंजय' का धन भौतिक संपत्ति नहीं है इस वजह से मैं चाहती हूं कि तुम ज्ञान अर्जित कर ज्ञानवान बनों। इसी वजह से पूर्व सीजेआई की मां ने उनका नाम 'धनंजय' से बदलकर 'चंद्रचूड़' रख दिया था। ये बात पूर्व चीफ जस्टिस ने मीडिया में दिए गए एक इंटरव्यू (Media Interview) में बतायी है।


अंग्रेजी मैगजीन 'द वीक' से बातचीत के दौरान पूर्व सीजेआई ने इस बात का खुलासा किया कि उनके माता-पिता एक दूसरे को विवाह से पहले भी जानते थे। हालांकि उनकी अरेंज मैरिज ही हुई थी। साल 1943 में मेरे माता-पिता वैवाहिक बंधन में बंधे। पूर्व सीजेआई ने बताया कि उनके माता और पिता दोनों ही शास्त्रीय संगीत में पारंगत थे इस वजह से वो चाहते थे कि मैं भी संगीत सीखूं। माता-पिता की प्रेरणा पर मैंने बचपन में संगीत सीखा भी। आपको बता दें कि पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ के पिता भी देश के पूर्व चीफ जस्टिस रह चुके थे। उनके पिता वाईवी चंद्रचूड़ और माता प्रभा दोनों ही शास्त्रीय संगीत में मझे हुए थे।


बचपन में संगीत में खोकर रोने लगते थे पूर्व CJI

पूर्व चीफ जस्टिस ने बताया कि मेरी मां को गुरु किशोरी अमोनकर संगीत सिखाने के लिए सप्ताह में एक दिन आया करती थीं, और मैं पर्दे के पीछे से छिपकर अपनी मां को संगीत की प्रैक्टिस करते हुए देखा करता था। कई बार ऐसा भी होता था जब मैं अपनी मां के साथ उनकी संगीत गुरु के घर भी जाता था अक्सर शनिवार को ये दिन होता था जब मैं अपनी मां के साथ उनके घर जाता था। मैं वहां पर ज्यादातर समय अपनी मां को प्रैक्टिस करते हुए देखा करता था और कुछ समय वहां के बच्चों के साथ खेलता था। कभी-कभी मैं संगीत सुनते हुए इतना खो जाता था कि मैं रोने लगता था। कई बार मेरी मां ये सोचने लगती थीं कि आखिर मेरा बेटा संगीत सुनेत-सुनते रोने क्यों लगता है, लेकिन वो कभी इसकी वजह नहीं समझ पाईं।


कौन थीं पूर्व CJI की मां की संगीत गुरु किशोरी अमोनकर?

पूर्व CJI ने आगे बताया कि मेरी मां को संगीत सिखाने वाली उनकी गुरु किशोरी अमोनकर एक प्रख्यात शास्त्रीय गायक थीं। कई दशकों तक उन्होंने हिन्दुस्तान भर के संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बनाए रखी थी। 10 अप्रैल 1932 को किशोरी अमोनकर का जन्म हुआ था। वो भारतीय शास्त्रीय संगीत की अग्रणी गायिकाओं में से एक मानी जाती थीं। किशोरी अमोनकर जयपुर-अतरौली घराने की प्रमुख गायिका थीं। वह एक ऐसे विशिष्ट संगीत शैली का प्रतिनिधित्व करती थीं, जिसका पूरे देश भर में काफी मान है। किशोरी बचपन से ही संगीतमय माहौल में पली बढ़ीं थी।

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Updated 12:02 IST, December 26th 2024