sb.scorecardresearch

पब्लिश्ड 21:21 IST, May 22nd 2024

Delhi University की शताब्दी अवसर परीक्षाएं अधिकार का मामला नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

DU News: अदालत ने कहा कि ‘शताब्दी’ अवसर देने का विश्वविद्यालय का निर्णय और इससे जुड़ी शर्तें शुद्ध रूप से शैक्षणिक नीति के दायरे से संबंधित हैं।

Follow: Google News Icon
  • share
Delhi University
दिल्ली यूनिवर्सिटी | Image: PTI

Delhi University News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा अपने पूर्व छात्रों को परीक्षाएं देने के लिए मुहैया कराया गया ‘शताब्दी’ अवसर कोई अधिकार का मामला नहीं है। विश्वविद्यालय ने यह मौका उन पूर्व छात्रों को दिया था जो परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं हुए थे।

अदालत ने कहा कि ‘शताब्दी’ अवसर देने का विश्वविद्यालय का निर्णय और इससे जुड़ी शर्तें शुद्ध रूप से शैक्षणिक नीति के दायरे से संबंधित हैं। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने कहा, "शताब्दी मौका कोई अधिकार नहीं है। न तो ऐसे किसी उम्मीदवार को, जो पाठ्यक्रम की अधिकतम अवधि के भीतर सभी पेपर पास नहीं कर सके, एक और मौका मांगने का अधिकार है न ही डीयू पर ऐसा कोई अवसर प्रदान करने का कोई दायित्व है।’’

उन्होंने कहा, "शताब्दी के दोनों अवसर डीयू द्वारा अपने शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में अपनी ओर से मुहैया लाभकारी व्यवस्थाएं थीं। इसलिए, उनकी प्रकृति एक लाभ की थी, न कि अधिकार।’’

कोर्ट ने खारिज की याचिका

अदालत शताब्दी मौका विशेष परीक्षा (दूसरा चरण) संबंधित डीयू की 1 अप्रैल, 2024 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह नोटिस जारी करने का मामला नहीं है।

याचिकाकर्ता कैंपस लॉ सेंटर (सीएलसी) की छात्रा थीं, जहां से उन्होंने 2009 से 2012 के दौरान एलएलबी पाठ्यक्रम किया था। वह इस तथ्य से दुखी थीं कि दूसरे शताब्दी अवसर में, छात्रों को अधिकतम चार पेपर के लिए पुनः प्रयास करने की अनुमति दी गई थी।

यह भी पढ़ें: राहुल के बयान पर PM मोदी बोले- शहजादे ने माना कांग्रेस के सिस्टम ने SC-OBC की पीढ़ियों को तबाह किया
 

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

अपडेटेड 21:21 IST, May 22nd 2024