पब्लिश्ड 17:07 IST, July 22nd 2024
महिला बजट 2013-14 के 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये: आर्थिक सर्वे
Economic Survey: संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार एक बड़े बदलाव के तहत भारत महिला विकास से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहा है
Economic Survey 2023-24: महिलाओं के बजट में लगातार वृद्धि हुई है और यह वित्त वर्ष 2013-14 के 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। सोमवार को संसद में पेश 2023-24 की आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है। इस तरह लैंगिंग बजट में इस साल 2023-24 की तुलना में 38.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 218.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह राशि कुल केंद्रीय बजट का 6.5 प्रतिशत है।
संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार एक बड़े बदलाव के तहत भारत महिला विकास से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहा है। सर्वेक्षण में विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार के विधायी हस्तक्षेप और प्रावधानों के बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया कि 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता ने महिलाओं की कार्यबल भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राथमिकता दी गई।
महिलाओं को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों के संबंध में सर्वेक्षण एक व्यापक और व्यावहारिक नजरिये की जरूरत पर जोर देती है। इसमें बुनियादी जरूरतों जैसे स्वच्छता, पाइप से जलापूर्ति और मासिक-धर्म स्वच्छता तक पहुंच में सुधार के साथ ही आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सुरक्षा, उचित पोषण और समान अवसर सुनिश्चित करना शामिल है। सर्वेक्षण में कहा गया कि लैंगिंग बजट में लगातार वृद्धि से महिलाओं के कल्याण को बढ़ाने के लिए सरकार की बहुआयामी पहल स्पष्ट है।
लैंगिक बजट लगातार बढ़ रहा है और यह 2013-14 में 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी सामाजिक सशक्तीकरण पहल ने जन्म के समय लिंग अनुपात में सुधार किया है और मातृ मृत्यु दर में कमी हुई। संस्थागत प्रसव में वृद्धि हुई है और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसे कार्यक्रम ने दीर्घकालिक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के उपयोग पर सकारात्मक प्रभाव दिखाया है।
अपडेटेड 17:07 IST, July 22nd 2024