Published 08:23 IST, December 12th 2024
डॉक्टर ने बताया कैसे थमी आर्यन की सांसें? मां बेसुध, दूध की बोतल लिए खड़े थे लोग
मासूम आर्यन आखिर जिंदगी से जंग हार गया, तीन दिनों से भूखा प्यासा आर्यन अपनी मां से नहीं मिल सका, लोग दूध की बोतल लिए आर्यन के बाहर आने का इंतजार ही कर रहे थे।
Aryan Borewell Rescue: राजस्थान के दौसा में 3 दिन से बोरवेल में फंसा 5 साल का मासूम आर्यन आखिर जिंदगी से जंग हार गया, तीन दिनों से भूखा प्यासा आर्यन अपनी मां से नहीं मिल सका, मां बेसुध होकर गिर पड़ी.. बोरवेल के बाहर लोग दूध की बोतल लिए आर्यन के बाहर आने का इंतजार ही कर रहे थे, लेकिन आर्यन की सांसे टूट चुकी थी, यकीनन आर्यन ने बहुत कोशिश की होगी खुद को जिंदा रखने की लेकिन, 150 फीट नीचे अंधेरे घुटन भरे बोरवेल में बिना एक पानी की बूंद पीए आर्यन जिंदगी से जंग हार गया। आर्यन को करीब 56 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया था। उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेस से हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टर ने कहा- 'नो मोर', अस्पताल पहुंचने पर पता चला की आर्यन की सांसें थम चुकी थी।
बेटे के अस्पताल पहुंचने की खबर मां को मिली लेकिन वह रोने लगी और रोते रोते बेहोश हो गई। शायद मां पहले ही भांप चुकी थी कि उसका लाल अब इस दुनिया में नहीं रहा। NDRF की टीम ने रात करीब 11 बजे अम्ब्रेला उपकरण, रिंग उपकरण और रस्सी से बंधी हुई रॉड को बोरवेल में डाला और तीनों को एक साथ खींचते हुए बच्चे को बाहर निकाल लिया।
ECG किया लेकिन सांसे थम चुकी थी- डॉक्टर
जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. दीपक के अनुसार, बच्चे को अस्पताल लाते ही ECG समेत सभी जांच की गई, लेकिन उसकी सांसें थम चुकी थी। एक अन्य डाक्टर ने बताया कि, सबसे पहले तो सर में चोट की वजह और दूसरा लंबे समय तक खाना पीना न मिलना भी वजह रही इसके अलावा, उस वातावरण के कारण आर्यन जिंदा नहीं रह पाया।
6 फीट की दूरी पर खोदा जा रहा था नया गड्ढा
इससे पहले बुधवार को दिनभर बोरवेल से करीब 6 फीट की दूरी पर ही 155 फीट का नया गड्ढा खोदा जा रहा था। रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए। कुछ ग्रामीण रेस्क्यू ऑपरेशन देखने के लिए पेड़ों पर चढ़ गए थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तैनाती करनी पड़ी।
आर्यन की मौत का जिम्मेदार कौन ?
आर्यन के परिजनों द्वारा प्रशासन पर खानापूर्ति के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि- वह रेस्क्यू के प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, बच्चे के पिता जगदीश मीणा ने कहा- प्रशासन का काम अच्छा है। लेकिन जैसे जैसे समय बढ़ा सभी की उम्मीदें टूट रही थी, बुधवार शाम बच्चे की मां गुड्डी देवी की तबीयत बिगड़ गई थी। सोमवार दोपहर से जिले के कालीखाड़ गांव में चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 6 देसी जुगाड़ फेल हो गए थे। दरअसल, सोमवार दोपहर 3 बजे आर्यन अपनी मां के सामने ही बोरवेल में गिर गया था। हादसा घर से करीब 100 फीट की दूरी पर हुआ था।
Updated 09:08 IST, December 12th 2024