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पब्लिश्ड 14:33 IST, October 26th 2024

देवकीनंदन ने की सनातन बोर्ड की मांग; वक्फ बोर्ड को लेकर चेताया-हालात ऐसे रहे तो 10-12 साल बाद देश...

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि संसद और एयरपोर्ट की जमीन वक्फ बोर्ड की होने का दावा किया जाता है। हालात ऐसे रहे तो 10-12 साल बाद पूरे देश पर वक्फ बोर्ड हक जताएगा।

Reported by: Digital Desk
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Devkinandan Thakur
Devkinandan Thakur | Image: Video Grab

Waqf Board Controversy: वक्फ बोर्ड के मसले पर देशभर में बहस छिड़ी है। विवाद की असल वजह वक्फ बोर्ड के दावों वालों संपत्ति अनिवार्य सत्यापन और उसमें पारदर्शिता का मसला है, लेकिन मुसलमान इसके पक्ष में नहीं हैं। इसी बीच सनातन बोर्ड की मांग उठने लगी है। प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर कहते हैं कि देश में वक्फ बोर्ड रहेगा तो सनातन बोर्ड का निर्माण भी करना होगा। देवकीनंदन ठाकुर मध्य प्रदेश के जबलपुर में सवालों का जवाब दे रहे थे।

वक्फ बोर्ड के मसले पर कथावाचक देवकीनंदन ने सनातन बोर्ड की मांग उठाई। साथ ही देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जितनी जमीन वक्फ बोर्ड ने हथिया कर रखी है, उतनी ही जमीन सनातन बोर्ड को भी देनी होगी। चेताते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि देश के संसद और एयरपोर्ट की जमीनें वक्फ बोर्ड की होने का दावा किया जा रहा है। हालात ऐसे रहे तो 10-12 साल बाद पूरे देश पर वक्फ बोर्ड अपना हक जताएगा। उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड के मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों को जवाब देना होगा और समर्थन करना होगा।

जी किशन रेड्डी ने लगाए गंभीर आरोप

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी वक्फ बोर्ड के मसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव लाना चाहते हैं। स्पीकर ने इसे JPC को देने का फैसला किया और हमने उसका भी स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाए कि कुछ लोग वक्फ बोर्ड के नाम पर निर्दोष लोगों को परेशान करते हैं। वो किसानों की जमीन भी वक्फ बोर्ड के नाम पर लिख देते हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के नाम पर लोगों को परेशान करना, करोड़ों रुपये की लूट लंबे समय से चल रही है।  जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाए कि हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी के लोगों ने वक्फ बोर्ड की कई जमीनों पर अतिक्रमण कर लिया है और उस पर कारोबार चला रहे हैं।

JPC के पास है वक्फ बोर्ड एक्ट

केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव करने की दिशा में भी कदम उठाए, लेकिन मामला संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के पास अटका है। विधेयक की जांच करने वाली समिति में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य हैं। सरकार ने संसद के बजट सत्र में विधेयक पेश किया था और आगे की जांच के लिए इस विधेयक को जेपीसी को भेजने का निर्णय लिया गया था। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 में प्रस्तावित संशोधन लेकर आई, जिसे वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के रूप में रखा है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है, जिसमें महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करना भी शामिल है।

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अपडेटेड 15:24 IST, October 26th 2024