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पब्लिश्ड 12:49 IST, May 26th 2024

बेबी केयर सेंटर में लगी आग में नवजात बच्चों की मौत पर PM मोदी ने जताया दुख, भयावह था मंजर

दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर सेंटर में लगी आग में 7 बच्चों की मौत पर पीएम मोदी ने दुख जताया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया।

Reported by: Kanak Kumari Jha
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PM Modi on Delhi Baby Care Centre
दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में लगी आग पर पीएम मोदी ने जताया दुख। | Image: PTI/Republic

दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर सेंटर में आग लगने से करीब 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई। 4 बच्चों को रेस्क्यू किया गया वहीं कई बच्चे अभी भी लापता हैं। बच्चों के माता-पिता उनकी तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। इस घटना पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी शोक व्यक्त किया है। 

पीएम मोदी ने लिखा, “दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने की घटना हृदय विदारक है। इस अविश्वसनीय कठिन समय में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो घायल हुए हैं वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।”

किरेन रिजिजू ने लिखा, "नई दिल्ली के विवेक विहार स्थित एक अस्पताल में आग लगने की खबर से बहुत दुख हुआ। उन परिवारों के प्रति मेरी गहरी सहानुभूति और संवेदना है जो इस अकल्पनीय दर्द से गुजर रहे हैं। शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।"

चश्मदीद ने बताया कितना भयावह था मंजर

पड़ोस में रहने वाले बृजेश गोयल ने बातचीत में बताया कि जिनके घर के शीशे टूटे, दरवाजे क्रैक हुए और तीन लोगों को शीशे टूटने के कारण चोट लगी। 11:30 बजे हम सोने जा रहे थे एकदम से ब्लास्ट हुआ। एक के बाद एक बड़े सिलेंडर ब्लास्ट हुए उसके टुकड़े मेरे मकान में आए। गैस भर गई घर के दरवाजे क्रैक और शीशे टूट गए तीन लोग घायल हुए। मै, मेरा पोते और मेरे सर्वेंट को चोट लगी है। इसके अंदर इलीगल तरीके से गैस रिफिलिंग का काम होता है। घर में पैनिक का माहौल बन गया। घर के बाहर की खिड़कियों के शीशे टूटने लगे। एयर प्रेशर से घर के गेट जाम हो गए थे। बाहर निकालने की कोशिश की और काफी मुश्किल से हम घर से बाहर आए। साथ में देखा तो इमारत जल रही थी। हम अपने पूरे परिवार को लेकर घर से बाहर निकले।

मिलीभगत से दबाई गई शिकायत

उन्होंने बताया कि अगर इनको 5 सिलेंडर की जरूरत है तो 50 सिलेंडर आते थे। दिन में तीन गाड़ियां ऑक्सीजन सिलेंडर के यहां पर आती थी, जाम लगता था। सिलेंडर की रिफिलिंग होती थी। छोटा सिलेंडर में रीफिलिंग की जाती थी। पड़ोसी ने बताया जिस समय यह हादसा हुआ उस समय भी एक गाड़ी आई हुई थी। उसमें भी सिलेंडर भरे जा रहे थे। सवा सौ गज में छोटा सा हॉस्पिटल बना है कितने सिलेंडर मौजूद होने चाहिए। यहां पर लेकिन मिली भगत से शिकायत को दबा दिया जाता है कोई एक्शन नहीं हुआ।

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अपडेटेड 13:17 IST, May 26th 2024