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Published 16:31 IST, September 27th 2024

दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, CAQM से पूछा- 'कितनी हुई बैठकें...'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने अब तक अधिनियम के एक भी प्रावधान का पालन नहीं किया है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Deepak Gupta
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Supreme Court
Supreme Court | Image: ANI

अखिलेश राय

दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओक ने साफ किया कि आज हम सिर्फ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के कामकाज पर विचार कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने अब तक अधिनियम के एक भी प्रावधान का पालन नहीं किया है। क्या धारा 11 के तहत समितियां बनाई गई हैं? कितनी बैठकें हुई हैं? क्या कदम उठाए गए हैं? सीएक्यूएम के वकील ने कहा कि इस बाबत सभी समुचित कदम उठाए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण पर जताई नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप बिना कमेटी गठित किए कैसे कदम उठा सकते हैं? हमें आयोग द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया एक भी निर्देश दिखाइए। यह सब हवा में है। ऐसे में वे इससे कैसे निपटेंगे? बैठकें कहां हो रही हैं? क्या नोटिस जारी किए गए हैं? हमें आपके कागज में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमें एक भी निर्देश दिखाओ जो उन्होंने जारी किया हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम खतरनाक और बड़े घटनाक्रम के मुहाने पर हैं। सुरक्षा और प्रवर्तन के लिए समितियों ने क्या कदम उठाए हैं?

CAQM के वकील ने कहा कि - हमने समिति बनाने के बाद से 82 वैधानिक निर्देश और 15 सलाहें जारी किए हैं। CAQM चेयरमैन ने कहा कि हमारी टीम ने 19,000 निरीक्षण किए हैं। हमने 10,000 से अधिक इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने CAQM से तीखे सवाल

  • सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या इस समस्या के बारे में कुछ किया गया है जिसका हम हर दिन सामना करते हैं? हर साल यही होता है। हर साल पराली जलाई जाती है। क्या इसमें कोई कमी आई है? क्या दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है या बढ़ गया है?
  • सीएक्यूएम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पराली जलाने की संख्या में कमी आई है।
  • इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या वायु गुणवत्ता सुधरी है?
  • एमिकस ने बताया कि कोर्ट सितंबर में ASG द्वारा सौंपी गई स्थिति रिपोर्ट देखे। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकारें धान के अवशेष जलाने की समस्या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  • 2024 में पंजाब से कुल 93 मामले सामने आए हैं। जबकि 2023 में यह संख्या 80 थी। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी यही संख्या है। यह अधिनियम गलत काम करने वाले अधिकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए भी लाया गया था। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने CAQM से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों को फसल की पराली हटाने के लिए उपकरण-हार्वेस्टर आदि उपलब्ध कराए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, कार्रवाई न करने पर सीएक्यूएम ने अधिकारियों को दंडित क्यों नहीं किया?

नागरिकों को प्रदूषण की घटनाओं के बारे में शिकायतों में सीएक्यूएम, सीपीसीबी सोशल मीडिया हैंडल को टैग करने की अनुमति दें। त्यौहारी सीजन के नजदीक आते ही सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम, राज्य अधिकारियों से सख्ती बरतने को कहा।  सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, पराली जलाना अभी भी क्यों जारी है? दिल्ली- एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट गुरूवार को अगली सुनवाई करेगा। 

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Updated 16:31 IST, September 27th 2024