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पब्लिश्ड 19:39 IST, January 17th 2025

Breaking: दिल्ली वालों को राहत की सांस, प्रदूषण कम होते ही हटाई गई GRAP-3 की पाबंदियां

Delhi News: दिल्ली-NCR में प्रदूषण के स्तर में गिरावट के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-3 के प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया है।

Reported by: Digital Desk
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Grap 3 Restrictions in Delhi-NCR
प्रदूषण कम होते ही हटाई गई GRAP-3 की पाबंदियां | Image: ANI

Delhi Air Pollution Update: दिल्ली में लोगों को प्रदूषण से लगातार राहत मिल रही है। जिसके चलते शुक्रवार को GRAP 4 के बाद GRAP 3 की पाबंदियों को भी हटा दिया गया है। दिल्ली-NCR में प्रदूषण के स्तर में गिरावट के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-3 के प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया है। 

इस हफ्ते की शुरुआत में मंद हवाओं, कम तापमान और कोहरे के कारण दिल्ली में प्रदूषण बढ़ गया था, जिसके बाद CAQM ने GRAP के तीसरे और चौथे चरण के तहत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए थे। बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बीच आयोग ने गुरुवार को चरण-4 के तहत प्रतिबंधों को हटा दिया था। शुक्रवार को तेज हवाओं के कारण प्रदूषण के स्तर में और कमी आई, जिसके बाद तीसरे चरण की पाबंदियों को भी वापस ले लिया गया है।

सर्दियों के दौरान दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ग्रैप के तहत प्रतिबंध लागू किए जाते हैं। जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में बांटते हैं।

  • चरण एक (खराब, AQI 201-300)
  • चरण दो (बहुत खराब, AQI 301-400)
  • चरण तीन (गंभीर, AQI 401-450)
  • चरण चार (बहुत गंभीर, AQI 450 से ऊपर)

GRAP-3 की पाबंदियां

GRAP-3 में अनावश्यक निर्माण कार्यों पर पाबंदी होती है। ग्रैप के तीसरे चरण के लागू रहने पर स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में करना अनिवार्य होता है, जिसमें अभिभावकों और बच्चों के पास ऑनलाइन कक्षाएं करने का विकल्प होता है। GRAP-3 में दिल्ली और NCR के आसपास के जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों का उपयोग प्रतिबंधित है।

दिव्यांग व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है। तीसरे चरण में दिल्ली में बीएस-4 या पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल चालित मध्यम माल वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध है। 

पराली जलाने में 37.5 प्रतिशत गिरावट

थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में 2024 में पराली जलाने की कुल वार्षिक घटनाओं में 37.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। पराली जलाने के मामलों में पंजाब में 75 प्रतिशत और हरियाणा में 37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। अक्टूबर-दिसंबर 2024 के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में 71.2 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद, सर्दियों में प्रदूषण उच्च स्तर पर बना हुआ था।

लगातार दूसरे साल बढ़ा PM-2.5

पंजाब, हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी में पराली जलाने की घटनाओं में 37 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के बावजूद, दिल्ली का सालाना PM 2.5 स्तर 2024 में लगातार दूसरे साल बढ़ा है। थिंक टैंक CSE की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की वार्षिक PM 2.5 सांद्रता 2024 में बढ़कर 104.7 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गई जो 2023 के स्तर से 3.4 प्रतिशत अधिक है। यह राष्ट्रीय स्तर पर वायु गुणवत्ता मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से भी दोगुना है।

इसमें कहा गया कि 2024 का औसत अभी भी 2018 में दर्ज सबसे अधिक 115.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 9.6 प्रतिशत कम है, लेकिन यह 2021-2023 के तीन साल के औसत से तीन प्रतिशत अधिक है, जो 2018 और 2022 के बीच मिली सफलता के निष्प्रभावी होने का संकेत देता है।

(भाषा इनपुट के साथ)

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अपडेटेड 19:52 IST, January 17th 2025