पब्लिश्ड 20:05 IST, January 9th 2025
विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच दिल्ली में GRAP-3 की पाबंदियां लागू, पुराने वाहनों पर प्रतिबंध और निर्माण कार्य भी बंद
दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए GRAP-3 लागू किया गया है। जिसके लागू होने से निर्माण कार्यों और विध्वंस कार्यों समेत कई पाबंदियां लागू हो जाती हैं
GRAP-3 Restrictions: दिल्ली-NCR में विधानसभा चुनाव और ठंड के बढ़ते प्रकोप के बीच फिर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की तीसरी स्टेज (GRAP-3) लागू हो गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए GRAP-3 लागू किया गया है। जिसके लागू होने से निर्माण कार्यों और विध्वंस कार्यों पर रोक लग गई है।
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण कम करने की रणनीति बनाने के लिए जिम्मेदार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने क्षेत्र के अधिकारियों को स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए तीसरे चरण के तहत निर्धारित प्रतिबंधों को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है। GRAP तीन के तहत निजी क्षेत्र में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
किन कार्यों पर रहेगी पाबंदी?
ग्रेप तीन में पांचवीं तक की कक्षाएं ‘हाइब्रिड’ (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन) तरीके में चलाना आवश्यक है। माता-पिता और छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प है। दिल्ली और आसपास के NCR जिलों में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल कारों (4-पहिया वाहन) का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। दिव्यांग व्यक्तियों को इसमें छूट दी गई है।
- निर्माण और डिमोलिशन काम बंद
- पुराने वाहनों पर प्रतिबंध
- प्रदूषण फैलाने वाले कुछ उद्योग बंद
- कचरा जलने पर भी प्रतिबंध
- खनन से जुड़ी गतिविधियों पर रोक
- जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह
- सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करने की सलाह
5 जनवरी को हटे थे प्रतिबंध
इससे पहले दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता में सुधार होने पर GRAP-3 के तहत लगी प्रतिबंधों को हटा दिया गया था। रविवार को शाम चार बजे शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 339 रहा था। सर्दियों के दौरान, दिल्ली-NCR में GRAP के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में बांटते हैं।
- चरण एक (खराब, AQI 201-300)
- चरण दो (बहुत खराब, AQI 301-400)
- चरण तीन (गंभीर, AQI 401-450)
- चरण चार (बहुत गंभीर, AQI 450 से ऊपर)
लगातार दूसरे साल बढ़ा PM-2.5
पंजाब, हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी में पराली जलाने की घटनाओं में 37 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद, दिल्ली का साला PM 2.5 स्तर 2024 में लगातार दूसरे साल बढ़ा है। थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट’ (सीएसई) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की वार्षिक PM 2.5 सांद्रता 2024 में बढ़कर 104.7 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गई जो 2023 के स्तर से 3.4 प्रतिशत अधिक है। यह राष्ट्रीय स्तर पर वायु गुणवत्ता मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से भी दोगुना है।
इसमें कहा गया कि 2024 का औसत अभी भी 2018 में दर्ज सबसे अधिक 115.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 9.6 प्रतिशत कम है, लेकिन यह 2021-2023 के तीन साल के औसत से तीन प्रतिशत अधिक है, जो 2018 और 2022 के बीच मिली सफलता के निष्प्रभावी होने का संकेत देता है।
पराली जलाने में 37.5 प्रतिशत गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में 2024 में पराली जलाने की कुल वार्षिक घटनाओं में 37.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। पराली जलाने के मामलों में पंजाब में 75 प्रतिशत और हरियाणा में 37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सीएसई में ‘रिसर्च एंड एडवोकेसी’ की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि दिल्ली अब पराली जलाने की आड़ नहीं ले सकती। अक्टूबर-दिसंबर 2024 के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में 71.2 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद, सर्दियों में प्रदूषण उच्च स्तर पर बना हुआ है।
अपडेटेड 20:16 IST, January 9th 2025