Published 20:58 IST, November 15th 2024
मेरे लिए असम सहित पूरा नार्थ-ईस्ट भारत की अष्टलक्ष्मी है..., बोडोलैंड महोत्सव में बोले पीएम मोदी
Bodoland Mahotsav: दो दिवसीय बोडोलैंड महोत्सव शांति बनाए रखने और एक जीवंत बोडो समाज के निर्माण के लिए भाषा, साहित्य और संस्कृति पर एक मेगा कार्यक्रम है।
Bodoland Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बोडोलैंड महोत्सव में शामिल हुए। दो दिवसीय बोडोलैंड महोत्सव शांति बनाए रखने और एक जीवंत बोडो समाज के निर्माण के लिए भाषा, साहित्य और संस्कृति पर एक मेगा कार्यक्रम है। महोत्सव का उद्देश्य स्वदेशी बोडो लोगों को एकीकृत करना है।
बोडोलैंड महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज कार्तिक पूर्णिमा का पावन अवसर है। आज देव दीपावली मनाई जा रही है। मैं देशभर के लोगों को इस पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। आज गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकास पर्व है। मैं पूरे देश को इसकी शुभकामनाएं देता हूं। आज पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस भी मना रहा है, आज पहले बोडोलैंड महोत्सव का शुभारंभ भी हुआ है।
शांति समझौते के बाद बोडोलैंड ने विकास की नई लहर देखी- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, " पिछले चार वर्षों में बोडोलैंड में हुई प्रगति बहुत ही महत्वपूर्ण है। शांति समझौते के बाद बोडोलैंड ने विकास की नई लहर देखी है। आज जब मैं बोडो शांति समझौते के फायदे देखता हूं आपके जीवन में इसके प्रभाव देखता हूं तो मन को खुशी मिलती है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बोडो शांति समझौते से न सिर्फ आपको फायदा हुआ है, बल्कि इससे कई और शांति समझौतों के लिए नए रास्ते खुले हैं। अगर यह कागजों पर ही रहता तो दूसरों को मुझ पर भरोसा नहीं होता। हालाँकि, आपने समझौते को अपने जीवन में आत्मसात किया।
अब विकास का सूरज पूर्वी भारत से उगेगा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए असम सहित पूरा नार्थ-ईस्ट भारत की अष्टलक्ष्मी है। अब विकास का सूरज पूर्वी भारत से उगेगा, जो विकसित भारत के संकल्प को नई ऊर्जा देगा। इसलिए हम पूर्वोत्तर में स्थायी शांति के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों के सीमा विवादों का सौहार्द के साथ समाधान खोज रहे हैं।
Updated 20:58 IST, November 15th 2024