Published 19:24 IST, November 6th 2024
दिल्ली : नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी किशोर को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा
10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि उसे मौजूदा स्थिति में रिहा नहीं किया जा सकता और उसमें आवश्यक सुधार की जरूरत है।
दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी किशोर को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि उसे मौजूदा स्थिति में रिहा नहीं किया जा सकता और उसमें आवश्यक सुधार की जरूरत है।
अदालत ने कहा कि कानून तोड़ने वाले बच्चों के पुनर्वास में विभिन्न अधिकारियों की भूमिका के संबंध में ‘‘पूर्ण अराजकता, भ्रम और अनिश्चितता’’ है। उसने दिल्ली सरकार को किशोर मामलों से संबंधित विभिन्न चिंताओं के समाधान के लिए एक स्थाई आदेश जारी करने का निर्देश दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने किशोर के खिलाफ दलीलें सुनीं, जिसे पहले यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा-6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी ठहराया गया था। उसे अपहरण के दंडनीय अपराध का भी दोषी ठहराया गया था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, चार जून 2017 को घटना के समय किशोर करीब 17 वर्ष का था और वह पीड़िता को जबरन अपने घर ले गया तथा उसके साथ दुष्कर्म किया। अदालत ने मंगलवार को सुनाए गए फैसले में अपराध की गंभीर प्रवृत्ति को देखते हुए किशोर को पॉक्सो अधिनियम की धारा-6 के तहत दुष्कर्म के लिए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और अपहरण के लिए सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने कहा कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। न्यायाधीश ने पीड़िता को 10.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया। इस बीच, अदालत ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि किशोर के 79 दिनों तक बाल सुधार गृह में रहने के बावजूद उसकी व्यक्तिगत देखभाल योजना (आईसीपी) और पुनर्वास कार्ड तैयार नहीं किया गया और न ही जमानत पर रिहा होने के बाद किसी परिवीक्षा अधिकारी ने मामले पर काम किया।
अदालत ने कहा, ‘‘यह किशोर न्याय (जेजे) प्रणाली की विफलता और जेजे अधिनियम और जेजे आदर्श नियमों के कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन को दर्शाता है। अदालत के कहने पर आईसीपी और आवधिक समीक्षा के नाम पर समय-समय पर लापरवाह तरीके से रिपोर्ट पेश की गई हैं, जिनका सीमित महत्व है, क्योंकि वे किसी पुनर्वास प्रक्रिया का परिणाम नहीं हैं...।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 19:24 IST, November 6th 2024