पब्लिश्ड 11:39 IST, July 20th 2024
CM केजरीवाल का वजन कैसे कम हुआ, LG के प्रधान सचिव की चिट्ठी में खुलासा; लगाए गए और भी आरोप
Delhi News: दिल्ली राजभवन की चिट्ठी में CM अरविंद केजरीवाल पर कम कैलोरी लेने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि 'केजरीवाल जानबूझकर कम कैलोरी ले रहे हैं।
Arvind Kejriwal Health Status: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की डाइट पर फाइट खत्म नहीं हो रही है। अभी दिल्ली राजभवन ने एक चिट्ठी में सीएम केजरीवाल का वजन कम होने को लेकर बड़ा दावा किया है। एलजी के प्रधान सचिव ने ये चिट्ठी दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखी है, जिसमें आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल का वजन कम होने की वजह बताई गई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल के प्रधान सचिव की तरफ से लिखी गई चिट्ठी में केजरीवाल पर कम कैलोरी लेने का आरोप लगाया गया है। चिट्ठी में कहा गया है कि 'अरविंद केजरीवाल जानबूझकर कम कैलोरी ले रहे हैं। कम कैलोरी लेने से वजन कम हो रहा है। केजरीवाल प्रॉपर डाइट नहीं ले रहे हैं।'
'6 जून से 13 जुलाई तक केजरीवाल ने पूरा खाना नहीं खाया'
मुख्य सचिव को भेजी गई चिट्ठी में लिखा है- 'सचिवालय को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में 14 जुलाई को अधीक्षक (जेल) की रिपोर्ट मिली। इसकी एक प्रति आपके कार्यालय को भी भेजी गई है। रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आया है कि मुख्यमंत्री की तरफ से जानबूझकर कम कैलोरी का सेवन करने के कई मामले हैं, जबकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में घर का बना खाना उपलब्ध कराया जाता है। डाइट मॉनिटरिंग चार्ट से पता चलता है कि 6 जून 2024 से 13 जुलाई 2024 के बीच मुख्यमंत्री ने दिन के तीनों भोजन के लिए निर्धारित आहार का पूरा सेवन नहीं किया था। रिपोर्ट में वजन में कमी (अब 61.5 किलोग्राम, जो सरेंडर से पहले 2 जून को 63.5 किलोग्राम था) का भी सुझाव दिया गया है। प्रथम दृष्टया, ऐसा लगता है कि ये कम कैलोरी सेवन के कारण हुआ है।'
LG ने डाइट और दवा का सेवन ना करने पर चिंता जताई
दिल्ली राज निवास ने जेल अधीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पत्र में लिखा गया है, 'एलजी ने मुख्यमंत्री के निर्धारित मेडिकल डाइट और दवाओं का सेवन ना करने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने ये भी कहा है कि इसके कारणों का पता लगाया जाए, क्योंकि इसके मेडिकल और कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं। जेल अधिकारी मुख्यमंत्री को एक्सपर्ट की ओर से बताई गईं डाइट के अलावा दवा और इंसुलिन की निर्धारित खुराक का सख्ती से पालन करने की सलाह दे सकते हैं। ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उनकी टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस की हिस्ट्री रही है। इस बारे में किसी भी अस्पष्टता से बचने के लिए हाई शुगर लेवल की निगरानी के सख्त प्रोटोकॉल भी स्थापित किए जा सकते हैं।'
उपराज्यपाल की अनुमति पर जारी की गई चिट्टी में मुख्य सचिव से ये भी कहा गया है कि इसकी एक कॉपी गृह मंत्री, जीएनसीटीडी के ध्यान में भी लाई जाए।
अपडेटेड 11:40 IST, July 20th 2024