Published 17:54 IST, December 10th 2024
असदुद्दीन ओवैसी ने जिस ताहिर हुसैन को दिया टिकट, उसके खिलाफ हत्या और दंगा फैलाने जैसे गंभीर केस
AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। 2020 दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन फिलहाल जेल में बंद है।
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले ही राजनीति तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी अभी तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 2020 दिल्ली दंगों के आरोपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को प्रत्याशी बनाया है।
AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। ओवैसी के इस ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगबबूला होकर ओवैसी पर हमलावर है। BJP सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि 'जिस शख्स की छत से बमबाजी हुई, जो दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड हो, जिसने IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या करवाई, उस व्यक्ति को AIMIM ने टिकट दिया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए, उतनी ही कम है।'
ताहिर हुसैन पर आरोप
2020 दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन अभी भी जेल में बंद है। कोर्ट ने एक मामले में उसे मई में ही जमानत दे दी थी। इसके बाद भी ताहिर सलाखों के पीछे ही है, क्योंकि उस पर कई मामले चल रहे हैं। पुलिस की चार्जशीट में ताहिर हुसैन को दंगों का मास्टरमाइंड बताया गया था। दंगों में नाम आने के बाद AAP ने उसे पार्टी से निकाल दिया था।
कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा था कि दंगों में ताहिर हुसैन सिर्फ मूकदर्शक की नहीं था, वो खुद भी दंगों में शामिल था। ताहिर हुसैन दूसरे सम्प्रदाय के लोगों (हिंदुओं) को सबक सिखाने के लिए लोगों को भड़का रहा था। दिल्ली दंगों में ताहिर हुसैन का नाम बतौर साजिशकर्ता और आरोपी शामिल है। ताहिर हुसैन के घर की छत और आसपास के इलाके में भारी भीड़ मौजूद थी, जो लोगों पर पत्थर और पेट्रोल बम से हमला कर रही थी। कोर्ट ने ताहिर हुसैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, दंगा और समाज में दुश्मनी फैलाने सहित कई गंभीर धाराओं में आरोप तय किए थे।
53 लोगों की गई थी जान
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ 24 फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे। दंगों में IB अधिकारी अंकित शर्मा लापता हो गए थे, जिनका शव पास के नाले से बरामद हुआ था। अंकित शर्मा की मौत के मामले में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और 10 अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। यह दंगे उस दौरान हुए थे, जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर आए हुए थे।
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Updated 17:54 IST, December 10th 2024