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पब्लिश्ड 20:03 IST, January 18th 2025

Delhi: 18 लोगों का हत्यारा, जिस किरदार पर Netflix पर बनी फिल्म; वो चंद्रकांत गिरफ्तार; तिहाड़ के बाहर फेंकता था सिर कटी लाश

17 जनवरी को चंद्रकांत झा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बिहार भागने की फिराक में था, उसी दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसपर 18 लोगों की हत्या का आरोप है।

Reported by: Sagar Singh
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Serial killer Chanderkant Jha
'दिल्ली का कसाई' चंद्रकांत झा गिरफ्तार | Image: Republic

Serial killer Chanderkant Jha: भारत में जब भी सबसे खूंखार सीरियल किलर का जिक्र होगा, तो चंद्रकांत झा (Chanderkant Jha) का नाम सबसे ऊपर आएगा। मूल रूप से बिहार का रहने वाला चंद्रकांत झा दिल्ली में आजादपुर मंडी के पास रहता था। वो पहले युवा पुरुषों से दोस्ती करता था, उन्हें नौकरी दिलाने का वादा करता था और फिर छोटी-मोटी असहमतियां या गलती पर गुस्से में आकर मौत के घाट उतार देता था।

चंद्रकांत झा पर 18 लोगों की हत्या का आरोप है। हत्या के 3 मामलों में दोषी ठहराते हुए उसे 2013 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। चंद्रकांत इतना डेरिंग था कि हर हत्या के बाद वो उनकी सिर कटी लाश तिहाड़ जेल के बाहर फेंककर एक चिट्ठी छोड़ता था। वो हर वारदात को अंजाम देकर दिल्ली पुलिस को खुली चुनौती देता था। 2006 और 2007 के बीच झा ने कई वीभत्स अपराध किए थे। उसका अपराध करने का तरीका इतना खतरनाक और क्रूर था कि उसने दिल्ली को हिलाकर रख दिया था।

2023 से था फरार

सीरियल किलर चंद्रकांत झा 2023 में 90 दिन की पैरोल पर जेल सा बाहर आया था। इसके बाद से वो फरार चल रहा था। चंद्रकांत झा पर पुलिस ने 50,000 रुपये का इनाम रखा था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे शनिवार (18 जनवरी) को फिर से गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच ने झा का पता लगाने के लिए एक टीम बनाई थी और उसमें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया था।

6 महीने से अधिक समय तक टीम ने चंद्रकांत झा के परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के गिरोह का पता लगाया। उन्होंने उसके पिछले रिकॉर्ड खंगाले, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में फल और सब्जी मंडियों में लोगों से पूछताछ की, जहां झा ने कभी काम किया था। टीम ने कॉल डेटा रिकॉर्ड खंगाले और एक संदिग्ध मोबाइल नंबर की पहचान हुई। जिसकी मदद से झा को गिरफ्तार किया।

बिहार भागने की फिराक में था

17 जनवरी को चंद्रकांत झा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बिहार भागने की फिराक में था, उसी दौरान एक सुराग के आधार पर दिल्ली पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मूल रूप से बिहार के रहने वाला झा अक्सर प्रवासी युवाओं को टारगेट बनाता था। छोटी-मोटी असहमतियों या गलती पर ही वह गुस्से में आकर हत्या करने जैसा कदम उठा लेता था।

'दिल्ली का कसाई'

चंद्रकांत को 'दिल्ली का कसाई' भी कहा जाता है। उसकी करतूत ऐसी है कि सुनकर किसी के भी होश फाख्ता हो जाएं। उसकी हैवानियत और अपराधों पर नेटफ्लिक्स ने 'बुचर ऑफ दिल्ली' (Indian Predator: The Butcher of Delhi) के नाम से एक डाक्यूमेंट्री भी बनाई है।

'पकड़ सकते हो तो पकड़ लो'

चंद्रकांत झा तिहाड़ जेल के सामने सिर कटी लाशों को फेंककर पुलिस के लिए एक चिट्ठी छोड़कर चैलेंज करता था। जिसमें लिखा होता था, 'मैंने हत्या की है, पकड़ सकते हो तो पकड़ लो।' चंद्रकात झा का वारदात को अंजाम देने का पैटर्न एक था। वो जिन पुरुषों को निशाना बनाता था वो अक्सर काम की तलाश में दिल्ली आए उत्तर प्रदेश और बिहार के युवा होते थे।

'दिल्ली का कसाई' जिसकी हत्या करता था पहले उसे अपना दोस्त बना था। खाने के लिए खाना देता था और रहने के लिए छत। कुछ दिन साथ रहता और फिर बहुत ही बेरहमी से हत्या को अंजाम देता था। शरीर के टुकड़े कर दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर बिखेर देता था।

10 साल फैलाई दहशत

चंद्रकांत ने दिल्ली में 1997 से 2007 तक करीब 10 साल दहशत फैलाई। 1997 से शुरू हुआ हत्या का दौर उस वक्त खत्म हुआ, जब 2007 पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। लेकिन तब तक वो 18 लोगों की हत्या कर चुका था। 2013 में कोर्ट ने उसे 3 हत्या के मामलों में दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन 2016 में इस सजा को बदलकर आजीवन कारावास कर दिया गया।

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अपडेटेड 20:03 IST, January 18th 2025