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Published 17:46 IST, December 12th 2024

'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल अभी पेश हुआ नहीं, कांग्रेस ने बना डाला अपना प्लान? जयराम ने किया खुलासा

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मांग की है कि जो विधेयक आएगा, हम चाहेंगे, वो जेपीसी में भेजा जाए ये कांग्रेस का विचार है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Deepak Gupta
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Jairam Ramesh
Congress general secretary Jairam Ramesh | Image: ANI

One Nation-One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मांग की है कि जो विधेयक आएगा, हम चाहेंगे, वो जेपीसी में भेजा जाए ये कांग्रेस का विचार है। हम वन नेशन, वन इलेक्शन के खिलाफ हैं। ये लोकतंत्र के खिलाफ है, गैरसंवैधानिक है, ये लोकतंत्र को खत्म करने वाला विधेयक है, इसका हम विरोध करेंगे।

'एक देश-एक चुनाव' की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। साथ ही सूत्रों ने बताया है कि इस विधेयक को जल्द संसद के पटल पर भी रखा जा सकता है।

वन नेशन वन इलेक्शन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

वर्तमान में देश के भीतर राज्यों के विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं, जबकि लोकसभा के चुनाव भी अलग समय पर होते हैं। हालांकि सरकार का उद्देश्य 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है। फिलहाल इसी से जुड़े प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। हाल ही में  पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक हाईलेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। सरकार सितंबर में रामनाथ कोविंद वाली कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर चुकी है।

जल्द संसद में पेश किया जा सकता है विधेयक

सूत्र बताते हैं कि जल्द विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है। सरकार विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श करने को तैयार है और उसे संसदीय समिति (JPC) को भेजा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि सरकार कमेटी के जरिए अलग-अलग राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श करने की इच्छुक है। पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने  रामनाथ कोविंद की कमेटी की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा था कि प्रस्तावित विधेयकों में से एक में नियत तारीख से संबंधित उप-खंड (1) जोड़कर अनुच्छेद 82ए में संशोधन करने का प्रस्ताव है। इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को एक साथ समाप्त करने से संबंधित अनुच्छेद 82ए में उप-खंड (2) शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा।

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Updated 17:46 IST, December 12th 2024