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पब्लिश्ड 14:30 IST, January 15th 2025

कांग्रेस के नए दफ्तर इंदिरा भवन में पीछे के दरवाजे से एंट्री...क्यों बदलना पड़ा है ऑफिस का मेन एंट्रेंस? कारण दिलचस्प है

कांग्रेस के नए मुख्यालय का सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ उद्घाटन किया। 2009 में पूर्व PM मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने इसकी आधारशिला रखी थी।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
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Congress headquarters Indira Bhawan
Congress headquarters Indira Bhawan | Image: Video Grab

Congress headquarters, Indira Bhawan: कांग्रेस दिल्ली के लुटियंस बंगला जोन में 24 अकबर रोड से निकलकर कोटला मार्ग पर 9-ए इंदिरा भवन में एंट्री ले चुकी है। अपने साथ कांग्रेस इस इंदिरा भवन में 140 साल के इतिहास को लेकर आई है, जो मुख्यालय की दीवारों पर देखा जा सकता है। 24 अकबर रोड से कांग्रेस के ऐतिहासिक क्षण जुड़े हैं, क्योंकि यहीं से राजनीति करके पार्टी ने 24 साल सत्ता में रहकर निकाले। यहां से 4 प्रधानमंत्री आए। फिलहाल कांग्रेस अपनी 140 साल पुरानी विरासत को लिए नए भविष्य की उम्मीद लेकर नई इमारत में आई है।

15 साल में बनकर तैयार हुए कांग्रेस के नए मुख्यालय का सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ उद्घाटन किया। 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने इसकी आधारशिला रखी थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा इस मौके पर कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य, पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत पार्टी के प्रमुख नेता मौजूद रहे। खैर, अभी चर्चा इस बात की है कि कांग्रेस के नए ऑफिस का मेन एंट्रेंस सामने से ना होकर पीछे के दरवाजे से क्यों है।

कांग्रेस को क्यों बदलना पड़ा ऑफिस का मेन एंट्रेंस?

दिलचस्प है कि नया कांग्रेस मुख्यालय 'इंदिरा भवन' नई दिल्ली में दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय से पैदल दूरी पर है। दोनों मुख्यालय एक ही रास्ते (दीन दयाल उपाध्याय मार्ग) पर है, लेकिन उसके बावजूद  कांग्रेस मुख्यालय का पता कोटला मार्ग है, न कि दीन दयाल उपाध्याय मार्ग। वो इसलिए कि कांग्रेस पार्टी के नए दफ्तर का मेन एंट्रेंस सामने से ना होकर, पीछे वाले दरवाजे से है।

Congress headquarters, Indira Bhawan

ऐसा इसलिए है कि कांग्रेस अपने पते को दीन दयाल उपाध्याय, जो हिंदुत्व-बीजेपी विचारक और आरएसएस प्रचारक थे, उनके नाम के साथ नहीं जोड़ना चाहती है। लिहाजा पार्टी ने पिछले दरवाजे को नए भवन का मुख्य प्रवेश द्वार बनाने का विकल्प चुना। कांग्रेस कोटला रोड पर प्रवेश द्वार का उपयोग करेगी, जो दीन दयाल उपाध्याय मार्ग के ठीक समानांतर है।

कैसा है कांग्रेस का नया मुख्यालय 'इंदिरा भवन'?

1.82 एकड़ में फैले कांग्रेस दफ्तर में एक स्तंभ पर पार्टी के 5 सिद्धांत गढ़े गए हैं, जिसमें डेमोक्रेसी, नेशनलिज्म, सेकुलरिज्म, इंक्लूसिव ग्रोथ और जस्टिस शामिल है। गेट के अंदर शुरुआत में एक तरफ कांग्रेस के पहले अध्यक्ष वोमेश चंद बनर्जी और दूसरी तरफ मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीर लगाई गई है। इंदिरा भवन में अलग-अलग दीवारों पर 246 दुर्लभ तस्वीरें लगी हैं। पूरे भवन में हर मंजिल की दीवार कांग्रेस ने अपने 140 साल के इतिहास को टाइमलाइन के साथ अंकित किया है।

नए भवन के लिए शिलान्यास 28 दिसंबर 2009 को कांग्रेस के 125वें स्थापना दिवस पर सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुआ था। बताया जाता है कि कांग्रेस के नए दफ्तर के बनाने का एस्टीमेट लगभग 172 करोड़ रुपये था, लेकिन ये 252 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है। 5 मंजिला भवन के सबसे ऊपरी फ्लोर पर कांग्रेस अध्यक्ष का ऑफिस रहेगा। उसके अलावा भवन में कांग्रेस की अलग-अलग इकाइयों और संगठनों के दफ्तर भी होंगे।

कांग्रेस ने क्यों रखा नए ऑफिस का नाम 'इंदिरा भवन'?

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के मुताबिक, 1920 से 1947 तक कांग्रेस का मुख्यालय इलाहाबाद में स्वराज भवन था। स्वराज भवन में ही इंदिरा गांधी जी का जन्म हुआ था और इसीलिए इस भवन का नाम 'इंदिरा भवन' रखा गया है। खड़गे ने बताया कि आजादी के बाद मुख्यालय इलाहाबाद से दिल्ली आया। साल 1969 में जंतर-मंतर रोड से निकलकर राजेंद्र प्रसाद मार्ग पर रहा, इसके बाद 1978 से अब तक 24 अकबर रोड पर मुख्यालय रहा। अब इसे 9ए कोटला रोड का पता मिला है।

मल्लिकार्जुन खड़गे अपने एक बयान में कहते हैं- '31 दिसंबर 1952 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुई CWC मीटिंग में बात उठी थी। ये उस दिन की आवाज थी कि इसी इलाके में कांग्रेस का दफ्तर बने। यs निर्णय नेहरू जी के घर में हुई CWC की मीटिंग में लिया गया था।

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अपडेटेड 14:30 IST, January 15th 2025