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Published 18:41 IST, December 16th 2024

श्री हरि विष्णु के 10वें अवतार पर CM योगी, कहा- संभल में होगा...

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबरनामा भी कहता है कि (संभल में) हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया और पुराण कहता है कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा।

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CM Yogi Adityanath
श्री हरि विष्णु के 10वें अवतार पर CM योगी, कहा- संभल में होगा... | Image: R Bharat

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को संभल और बहराइच की सांप्रदायिक हिंसा पर विपक्ष को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबरनामा भी कहता है कि (संभल में) हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया और पुराण कहता है कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा।

प्रश्नकाल के बाद विधानसभा में नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने संभल और बहराइच में हाल में हुई हिंसा को लेकर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय एवं अन्य समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों की चर्चा कराने की मांग पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष सच पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है, लेकिन सूर्य, चांद और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपाया नहीं जा सकता, सत्य जल्द सामने आएगा।

उन्होंने कहा कि…

उन्होंने कहा कि बाबरनामा भी कहता है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया तथा पुराण भी कहता है कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा।  इसके पहले सदन में संभल से सपा सदस्य इकबाल महमूद ने कहा कि एक प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया जाता है जिसमें संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए अनुरोध किया गया और उसी दिन दो घंटे के अंदर दल को सर्वेक्षण के लिए भेज दिया गया। सपा सदस्य ने कहा, ‘‘सर्वेक्षण में जामा मस्जिद प्रबंधन ने पूरा सहयोग किया लेकिन जैसे ही वे लोग चले गये, जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। जिससे सपा ही नहीं, पूरा संभल इस पर आक्रोशित हो गया।’’ उन्होंने कहा,‘‘ (नवंबर की) 23 तारीख की रात संभल के अधिकारियों ने कहा कि 24 तारीख को दोबारा सर्वेक्षण होगा। इसके बाद लोगों ने कहा कि दोबारा सर्वेक्षण की क्या जरूरत है लेकिन वे लोग नहीं माने और लखनऊ से आदेश हो गया कि 24 को ही सर्वेक्षण कराना है।’’

इकबाल महमूद ने दावा करते हुए कहा कि दोबारा सर्वेक्षण कराने का आदेश इसलिए दिया गया क्योंकि 23 नवंबर को कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव का परिणाम आया और चूंकि वहां के मुसलमानों का वोट जबरन डलवा दिया गया, इसलिए यह आदेश आया ताकि कोई विरोध न हो। सपा सदस्य ने यह भी कहा कि लोगों ने फिर दोबारा ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए और भीड़ एकत्र हुई तो गोलीबारी शुरू हो गयी और पांच लोगों की मौत हो गयी, जिसमें एक व्यक्ति का पोस्टमार्टम नहीं हुआ और उसे जबरन दफन कर दिया गया। विधानसभा में कांग्रेस के विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि यह केवल राजनीतिक विषय नहीं है यह प्रदेश की 25 करोड़ जनता की सुरक्षा का विषय है। उनका कहना था कि कोई सरकार नहीं चाहती कि सांप्रदायिक दंगे हों और प्रदेश जले लेकिन अफसोस की बात है कि दो घटनाओं से आज प्रदेश का माहौल ठीक नहीं है। मोना ने कहा कि जो तथ्य हैं उस पर चर्चा हो और प्रदेश की जनता जाने कि सच क्या है।

आराधना मिश्रा ने कहा कि 13 अक्टूबर 2024 की शाम बहराइच के महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हंगामा होने से गोली चलने से रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की मौत हो गई, इसके पीछे वही लोग शामिल हैं जो धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर राजनीति करते हैं। सपा के संग्राम यादव ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रयासों की चर्चा करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि संभल में पुलिस प्रशासन के लोग भी मारे गये, उसकी चर्चा कोई नहीं कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि संभल में सर्वेक्षण के दौरान पत्थरबाजी की भी चर्चा किसी ने नहीं की लेकिन क्या पत्थरबाजी से न्यायालय का आदेश बदल जाएगा। उन्होंने बहराइच हिंसा में राम गोपाल मिश्रा नामक 22 वर्षीय युवक की हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि उसे बहुत बेरहमी से मारा गया। रघुराज सिंह ने कहा कि कुंदरकी में रामवीर सिंह की जीत को लूट बताना सदन के विधायक का अपमान है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदस्यों का जवाब देते हुए राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि 2017 से लेकर अब तक प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 फीसदी तक की कमी आई है। योगी ने दावा किया कि 2017 से अब तक राज्य में दंगे नहीं हुए हैं, जबकि 2012 से 2017 (सपा कार्यकाल) तक राज्य में 815 सांप्रदायिक दंगे हुए थे और 192 लोगों की मौत हुई थी। योगी का कहना है कि 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, इसमें 121 लोगों की मौत हुई। योगी ने कहा, ''आखिर तथ्यों को छिपाकर कब तक जनता को गुमराह करेंगे। संभल में माननीय न्यायालय के आदेश पर सर्वेक्षण हो रहा था। जय श्री राम सांप्रदायिक संबोधन नहीं है। राम के बिना हमारा कोई काम ही नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘'जय श्री राम बोलने पर उत्तेजना फैलने से नीयत सभी लोग समझ सकते हैं।''

मुख्यमंत्री ने हाल के उपचुनाव में मुरादाबाद जिले के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र समेत नौ में से सात सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन की जीत की चर्चा करते हुए कहा कि कुंदरकी की जीत को वोट की लूट कहना सदस्य का अपमान है। वहां सपा के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। उन्होंने कहा ,‘‘ वहां का पठान और शेख कह रहा है कि हमारे पूर्वज हिंदू थे, आपके पूर्वज भी हिंदू थे। यह देशी-विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है, जो वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चल रही है।'' योगी ने कहा कि संभल में तुर्क व पठान का विवाद चल रहा है। शफीकुर्रहमान बर्क (सपा के दिवंगत पूर्व सांसद) खुद को भारत का नागरिक नहीं, बल्कि बाबर की संतान कहते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको तय करना है कि आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं या राम-कृष्ण, बुद्ध की परंपरा को। भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही रहेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी।

मुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि मुस्लिम समाज का जुलूस मंदिर के सामने से निकल जाता है, कोई समस्या नहीं होती है। हिंदू समाज की शोभायात्रा मस्जिद के सामने से निकलती है तो दिक्कत क्यों होती है? हिंदू पर्व के दौरान यदि किसी ने समस्या खड़ी की तो सरकार सख्ती से निपटेगी। अल्लामा इकबाल की नज्म को लेकर भी योगी ने विपक्ष पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता यहां एक कविता सुना रहे थे। सच को स्वीकार करने की सामर्थ्य नहीं है, इसलिए वो चले गए। एक दोहरे चरित्र के व्यक्ति के द्वारा जो पहले कुछ पंक्तियां लिखता है और बाद में उसका चरित्र कैसे बदल जाता है। योगी ने इकबाल की पूर्व की और बाद की कविता भी सुनाई। संभल मामले पर योगी ने कहा कि माननीय न्यायालय के निर्देश पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक शांतिपूर्ण तरीके से सर्वेक्षण को संपन्न कराते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान पहले दो दिन शांतिभंग नहीं हुई।

योगी ने दावा किया,‘‘ 23 नवंबर को जुमे की नमाज के दौरान जिस प्रकार की तकरीरें दी गई, उसके बाद माहौल खराब हुआ, उसके बाद की स्थितियां सबके सामने हैं।'' नेता सदन ने कहा, ''संभल में माहौल खराब किया गया। 1947 से अनवरत दंगे हुए। 1947 में एक मौत और 1948 में छह लोग मारे गये। 1958-1962 में दंगा, 1976 में पांच लोगों की मौत हुई थी।'' उन्होंने कहा,‘‘1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया था। अनवरत कई महीनों तक कर्फ्यू लगा। 1980-1982 में दंगा और एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। 1986 में चार लोग मारे गए। 1990-1992 में पांच, 1996 में दो मौत हुई। लगातार यह सिलसिला चलता रहा।''

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ''1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई और एक भी बार निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे। घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों ने निर्दोष हिंदुओं के बारे में दो शब्द नहीं कहे।'' मुख्यमंत्री ने कहा,''संभल में बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है। 1978 से उस मंदिर को इन लोगों ने खुलने नहीं दिया।'' योगी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आपको बाबा साहब आंबेडकर के मूल संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना चाहिए। मौलिक अधिकारों को देखना चाहिए। अलग-अलग पृष्ठों का अवलोकन करेंगे तो आपको उसमें राम भी नजर आएंगे और कृष्ण भी, लंका दहन के उपरांत बजरंग बली भी नजर आएंगे और ज्ञान का उपदेश देने वाले बुद्ध भी नजर आएंगे।

योगी ने कहा कि मूल संविधान में कहीं भी धर्मनिरपेक्ष, पंथनिरपेक्ष या समाजवाद शब्द नहीं है। आप लोग संविधान में बदलाव की बात करते हैं, जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटा उनका पिछलग्गू बनकर केवल सत्ता हथियाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संभल में जैसे ही आपके खटाखट की असलियत सामने आई, जनता ने कहा सफाचट। उपचुनाव में नौ में से सात पर भारतीय जनता पार्टी और राजग गठबंधन जीता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंदरकी की जीत सनातन की जीत है। यह भारत की वास्तविक जीत है। कुंदरकी, कटेहरी, खैर, मझवा, गाजियाबाद, मीरापुर, फूलपुर की जीत भारत के संविधान की जीत है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सर्वेक्षण पर रोक लगाने और बुलडोजर की कार्रवाई पर दिए गए दिशा-निर्देशों का यह लोग स्वागत कर रहे हैं। उप्र अकेला राज्य है, जिसने बुलडोजर की कार्रवाई को अक्षरशः उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंजाम दिया है।

नेता सदन ने कहा कि सपा व कांग्रेस के लोग माननीय न्यायाधीश के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग का नोटिस देकर सच का मुंह जबर्दस्ती बंद करना चाहते हैं। यह लोग बंदूक की नोक पर संवैधानिक संस्थाओं से अपनी बात मनवाना चाहते हैं। संभल में 19 नवंबर को एक स्थानीय अदालत ने मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिया। उसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद के दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी तथा अन्य घायल हो गए थे। संभल जिले में 46 वर्षों तक बंद रहने के बाद पिछले सप्ताह खोले गये भस्म शंकर मंदिर के कुएं में तीन खंडित मूर्तियां मिली हैं। अधिकारियों ने सोमवार यह जानकारी दी। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने पत्रकारों से कहा कि प्राचीन मंदिर और जो कुआं हमें मिला है, उसकी खुदाई की जा रही है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 18:41 IST, December 16th 2024