sb.scorecardresearch

Published 20:39 IST, December 15th 2024

संभल में पुनः खोला गया मंदिर हमारे इतिहास की वास्तविकता को दर्शाता है: CM आदित्यनाथ

संभल में सांप्रदायिक दंगों के बाद 1978 से बंद एक मंदिर को प्रशासन द्वारा पुनः खोले जाने पर, CM योगी ने कहा कि यह मंदिर रातोंरात प्रकट नहीं हुआ।

Follow: Google News Icon
  • share
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath | Image: Video Grab

संभल में सांप्रदायिक दंगों के बाद 1978 से बंद रखे गए एक मंदिर को प्रशासन द्वारा पुनः खोले जाने पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि यह मंदिर रातोंरात प्रकट नहीं हुआ है, बल्कि यह ‘‘हमारी चिरस्थायी विरासत और हमारे इतिहास की सच्चाई’’ का प्रतिनिधित्व करता है।

महाकुंभ पर एक कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री ने 46 साल पहले संभल में हुई दुखद घटनाओं का उल्लेख किया, जहां निर्दोष लोगों ने ‘‘बर्बर हिंसा’’ में अपनी जान गंवा दी थी।

मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ’’नरसंहार के अपराधियों को दशकों बाद भी अदालत के कठघरे में क्यों नहीं लाया गया?’’

उन्होंने उन लोगों की आलोचना की, जो “सच्चाई को दबाने और कुंभ जैसे सांस्कृतिक आयोजनों को कलंकित करने” का प्रयास करते हैं तथा इस बात पर जोर दिया कि सच्चाई की आवाज को अक्सर धमकियों और खामोश कराने के प्रयासों का सामना करना पड़ता है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने संभल स्थित मंदिर के बारे में बात की, जिसे स्थानीय प्रशासन द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान दशकों बाद हाल में खोला गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “संभल में इतना प्राचीन मंदिर, बजरंग बली की प्राचीन मूर्ति और ज्योतिर्लिंग रातोंरात तो नहीं प्रकट हो गईं। यह हमारी चिरस्थायी विरासत और हमारे इतिहास की वास्तविकता का प्रतिनिधित्व करता है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि 45 दिवसीय प्रयागराज महाकुंभ (13 जनवरी से 26 फरवरी तक) में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है तथा 100 करोड़ लोगों के लिए व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मुख्य मुहूर्त पर छह करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है, लेकिन 10 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए तैयारियां की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने 2019 के प्रयागराज कुंभ के परिवर्तन को रेखांकित करते हुए कहा कि इसने उम्मीदों को नया आयाम दिया है।

उन्होंने कहा, “जिसने भी 2019 का कुंभ देखा होगा, उसने पाया होगा कि किस तरह लीक से हटकर प्रयास किए गए, जिससे यह स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बना। जहां कभी गंदगी, अव्यवस्था, भगदड़ और असुरक्षा की स्थिति हुआ करती थी, वह एक दिव्य और भव्य आयोजन बन गया।”

आदित्यनाथ ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर भारत की विरासत पर “विशेष स्वामित्व” का दावा करने के लिए कटाक्ष किया।

उन्होंने किसी भी पार्टी का नाम लिए बिना कहा, “कुछ लोग भारत का ठेका लिए घूम रहे हैं और “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” (भारत एक खोज) को भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ मानते हैं।’’

उन्होंने कहा कि नौ नवंबर 2019 को श्री राम जन्मभूमि पर उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले ने दशकों पुराने विवाद को सुलझा दिया, लेकिन कुछ लोगों ने फैसला सुनाने वाले न्यायाधीशों को धमकाना जारी रखा है।

मुख्यमंत्री ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव का हवाला देते हुए विपक्षी नेताओं पर संविधान के नाम पर पाखंड करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग, राज्यसभा के सभापति (उप राष्ट्रपति) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी आवाज को दबाना चाहते हैं। सभापति ने कर्तव्यों के निर्वहन पर जोर दिया और कहा कि सदन में कामकाज होना चाहिए। जनता से जुड़े मुद्दे सदन में रखे जाने चाहिए। इस पर इन लोगों (विपक्षियों) ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया।”

उन्होंने निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं पर सवाल उठाने के प्रयासों की भी आलोचना की।

मुख्यमंत्री ने कहा, “ये लोग उच्च सदन में महाभियोग प्रस्ताव भी लाते हैं, जिससे पता चलता है कि वे सच बोलने वाले या भारत की विरासत के लिए खड़े होने वाले किसी भी व्यक्ति को डराने की कोशिश कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दशकों तक बिना कोई सार्थक प्रगति किए शासन किया, वे अब वर्तमान सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

आदित्यनाथ ने कहा, “उन्हें काशी और अयोध्या की आध्यात्मिकता और विकास से समस्या है। उनकी हताशा उनकी विफलता और हमारी सफलता से उपजी है। हमें उनकी मानसिकता को समझना चाहिए।”

Updated 20:39 IST, December 15th 2024